Follow Us:

KCC बैंक की कार्यप्रणाली पर राठौर ने उठाए प्रश्नचिन्ह, कहा-ये क्या हो रहा है मुख्यमंत्री जी

नवनीत बत्ता |

हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने कांगड़ा सहकारी बैंक में चल रही कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह उठाए हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि 16 इलेक्टेड सदस्य जो कांगड़ा बैंक में हर बार चुने जाते थे इस बार अभी तक नहीं चुने गए हैं और 4 नॉमिनेटेड सदस्यों से ही बैंक के बड़े-बड़े फैसले अपने ही स्तर पर लिए जा रहे हैं। 

राठौर ने कहा कि कांगड़ा बैंक की कार्यप्रणाली पूरी तरह संदेह के घेरे में चल रही है क्योंकि बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की टीम होती है तो निर्णय लेने में सभी को दिक्कत होती है और पारदर्शित भी बदती है लेकिन अब चार लोगों की टीम ही सब फैसले अपने आप कर दे रही है। जिससे पारदर्शिता में भारी कमी आई है और अंदर खाते ही कई निर्णय और यहां तक कि बड़े-बड़े ऋण कांगड़ा बैंक अपने स्तर पर ही पास कर दे रहा है। जिसके लिए वो अधिकृत भी नहीं है।

राठौर ने कहा कि मिली जानकारी के अनुसार हाल ही में बैंक ने 80 करोड़ का लोन एक मंडी के व्यवसायी को दिया है। जिसको लेकर ना सिर्फ सिर्फ बैंक के अंदर बल्कि आम जनता में भी खासी चर्चा बनी हुई है कि अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए बैंक ने अभी तक बोर्ड ऑफ डायरेक्टर का भी पूरी तरह गठन नहीं किया है। इससे स्पष्ट होता है कि कहीं ना कहीं बैंक में बड़े स्तर पर गोलमाल चल रहा है। उन्होंने कहा कि बैंक के इतिहास में पहली बार इस तरह की स्थिति आई है जो की चिंता का विषय है और एक तरह से इसे लोकतंत्र नहीं बल्कि डिक्टेटरशिप का ही सही कहा जा सकता है।

राठौर ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पारदर्शिता की बात तो करते हैं लेकिन वह पारदर्शिता कहां और किस स्तर पर है…. यह आज तक ना तो हिमाचल की जनता को समझ में आया है और ना ही हम लोगों को समझ में आया है। उन्होंने कहा कि ना सिर्फ बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की पूरी टीम का गठन होकर इस तरह के बड़े निर्णय लेने चाहिए क्योंकि यह हमारे प्रदेश की जनता का पैसा है जो कांगड़ा बैंक में लगा हुआ है और हम लोग जनता के साथ खड़े हैं। अगर इसी तरह कांगड़ा बैंक का काम बंद कमरों में चलता रहा तो वह दिन भी दूर नहीं है जब बैंक का एनपीए बैंक को बंद करवाने के कगार पर खड़ा कर देगा।