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मॉनसून सत्र: सदन में फिर हुआ हंगामा, ऊना SP को हटाने की मांग पर अड़ा विपक्ष

पी. चंद, शिमला |

हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मॉनसून सत्र में सोमवार को हुए हंगामे के बाद दूसरे दिन सदन की कार्यवाही 8 मिनट की देरी से 11 बजकर 08 मिनट पर शुरू हुई। दस मिनट की देरी से पहुंचे विधानसभा अध्यक्ष राजीव बिन्दल ने जैसे ही प्रश्नकाल को शुरू करने की घोषणा की विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री अपनी सीट से उठे और बीते रोज़ के सतपाल रायजादा मामले को उठाना शुरू कर दिया।

मुकेश अग्निहोत्री ने आरोप लगाया कि विपक्ष की बात सुने बिना ही मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर माफ़िया को बढ़ाबा देने की बात कही जो कि ग़लत है। विपक्ष ने मुख्यमंत्री को सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले सारे मामले से अवगत करवा दिया था। कांग्रेस पार्टी हर तरह के माफ़िया के ख़िलाफ़ है। जो लोग दोषी है उनके ख़िलाफ़ कार्यवाही करें लेकिन विधायक को टारगेट कर ऊना एसपी गलत कर रहे है। एसपी को ऊना से बर्खास्त करें व हटाएं साथ ही मुख्यमंत्री विपक्ष को माफ़िया से जोड़ने की बात पर माफ़ी मांगे।

इसके बाद मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर उठे व कहा कि उन्होंने विपक्ष को माफ़िया से नही जोड़ा न ही ये मामला विधायक का क्योंकि विधायक के ख़िलाफ़ कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है। अभी मामले की जांच चल रही है। 15 दिन के अंदर जांच  होगी तब तक कुछ नही कह सकते है। सरकार माफ़िया के ख़िलाफ़ है जो शराब की पेटियों के साथ पकड़ा उसके ख़िलाफ़ कार्यवाही होगी ये विधायक के ख़िलाफ़ कार्यवाही नही है। एसपी मामले की जांच नही करेगा बल्कि आईजी अधिकारी की देखरेख में सीआईडी जाँच होगी। यदि जांच में एसपी दोषी पाए गए तो उनके ख़िलाफ़ विभागीय कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।

लेकिन इस पर विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री संतुष्ट नही हुए और एसपी को तुरंत प्रभाव से हटाने की मांग पर अड़ गए। इस पर आईपीएच मंत्री मोहिन्द्र सिंह ठाकुर ने आग में घी डालने का काम किया और कहा कि वीरभद्र सिंह सरकार के दौरान मामलों की याद दिलाने लगे। इस पर विपक्ष भटक गया ।

बीच बचाब में विधानसभा अध्यक्ष ने मामले को शांत किया और मुख्यमंत्री को स्थिति साफ करने के लिए बोला। मुख्यमंत्री बोले कि इन परिस्थितियों में एसपी ऊना को बदलना सही नही होगा। क्योंकि शराब तो पकड़ी गई है ऐसे में जब तक जांच रिपोर्ट नही आती है एसपी को बदलना शराब माफ़िया को बढ़ाबा देना होगा। फिर भी एसपी ने यदि कुछ गलत किया है और वह दोषी पाए जाते है तो उनका निलबंन ही नही बर्खास्तगी भी हो सकती है। 

इस पर कांग्रेस विधायक आशा कुमारी ने कहा कि विधायक के स्टॉफ के साथ इस तरह का दुर्व्यवहार सही नहीं था। विधायक की गाड़ी का नंबर सोशल मीडिया पर डालना गलत है। आशा कुमारी ने उद्योग मंत्री का नाम लेते हुए खनन माफ़िया के मामले पर भी बात की इसी पर विक्रम ठाकुर भी बोलने लगे सदन में मामला गरमा गया। फ़िर से विधानसभा अध्यक्ष ने मामला संभाला और मुख्यमंत्री बोलने के लिए उठा व अपनी बात को दोहराते हुए जांच के बाद एसपी के ख़िलाफ़ कार्यवाही की बात कही।

इस पर कांग्रेस विधायक सुखविंदर सुक्खू शुरू से मामले को दोहराने लगे लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने उनको ये कह कर अपनी सीट पर बैठने को कहा कि जो बातें विपक्ष के नेता कह चुके है उनको न दोहराएं। इसके बाद विपक्ष के नेता एसपी को  हटाने की मांग पर अड़ गए और कहने लगे कि सरकार की एसपी बदलने में क्या समस्या है। यदि जांच में एसपी सही पाए गए तो उन्हें  वापिस लें आएं।
लेकिन, मुख्यमंत्री अपनी बात पर क़ायम रहे। नाराज़ विपक्ष विधानसभा अध्यक्ष  के सामने बेल में आ गए व सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। इसी हंगामे के बीच अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही भी शुरू कर दी। वहीं, सदन में कांग्रेस का हंगामा जारी है।