दोपहर के भोजनावकाश के बाद अध्यक्ष की कुर्सी पर विधानसभा के उपाध्यक्ष हंस राज नज़र आए। विपक्ष दोपहर बाद भी सदन में नहीं पहुंचा। उपाध्यक्ष हंसराज ने सदन की कार्यवाही शुरू की। इसी के साथ नियम-130 के तहत बरसात से हुए नुकसान पर चर्चा शुरू हुई। चर्चा में भाजपा के विधायक कर्नल इन्द्र सिंह ने बरसात से हुए नुकसान पर प्रकाश डाला और कहा कि सड़कों के सुधार के लिए सरकार को नए सिरे सोचना पड़ेगा। बरसात से नए नुकसान के बदले प्रभावितों को मुआवजा बहुत कम दिया जाता है।
चर्चा में नूरपुर के विधायक राकेश पठानिया ने भी अपने आप को शामिल किया। पठानिया ने कहा कि लोग खड्डों के किनारे घर बना रहे हैं यही घर खड्डों में बढ़ते पानी के बहाब में बह जाते है। इस पर कड़े कदम उठाने की ज़रूरत है। आपदा को लेकर प्रदेश में युद्ध की स्थिति है और यदि समय रहते इस पर काम नही किया गया तो परिणाम भयानक होंगे।
विक्रम जरियाल ने चर्चा में भाग लेते हुए बताया कि चम्बा जिला में बरसात से 80 करोड़ का नुकसान हो चुका है। 161 घर क्षतिग्रस्त हो चुके है। तीन लोगों की मौत हुई है जबकि 5 व्यक्ति घायल है। 84 पशु बरसात की भेंट चढ़ गए।
सीपीआईएम ठियोग के विधायक राकेश सिंघा ने भी चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि ये आम आपदा नहीं बल्कि राष्ट्रीय आपदा है। इसलिए दिल्ली सरकार से मदद मांगे। इस आपदा की घड़ी में राहत के लिए लोग सरकार का मुहं ताक रहे हैं। उम्मीद सरकार से है कि मदद करेगी। उनके क्षेत्र में आधा दर्जन जाने गईं, घर ढह गई, पेड़ गिरे और भूस्खलन से लोगों के खेत बह गए बगीचे बह गए। इसलिए प्रदेश सरकार को केंद्र की मदद से जमीन के बदले जमीन देने में मदद करे। वन विभाग पुराने वृक्षों को काटने का काम करे। सड़क किनारे ड्रेनेज न होने की वजह से सड़के बही है। जो पैसा इसके लिए दिया कहां गया।
चर्चा में बिलासपुर के विधायक सुभाष ठाकुर ने बताया कि बिलासपुर में हुई ताज़ा बरसात में 23 गौशालाएं और 9 घर बह गए हैं। चर्चा में देहरा के विधायक होशियार सिंह ने बरसात में बेघर होने वाले लोगों के लिए पहले ही रिलीफ कैम्प बनाने का सुझाव दिया। भोरंज की विधायक कमलेश कुमारी ने भी बरसात से हुए नुकसान पर अपने क्षेत्र की समस्याओं को उठाया।
9 सदस्यों द्वारा बरसात से नुकसान के प्रस्ताव के जबाब में मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने विपक्ष पर निशाना साधा ओर कहा कि महत्वपूर्ण मुद्दे पर विपक्ष का सदन से बाहर हो चिंता की बात है। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष भी अपनी कुर्सी पर वापिस आ गए। उन्होंने बताया कि बरसात की शुरुआत हुई तो धीमी थी लेकिन अंतिम दौर तक पहुंचते पहुंचते बारिश भी ज्यादा हुई व नुकसान भी ज़्यादा हुआ। 30 जुलाई तक सामान्य से कम बरसात हुई। लेकिन 16 से 18 अगस्त तक को हुई बारिश ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। 17 व 18 अगस्त की बरसात में 25 लोगों की जान गई। जबकि पूरे सीजन में 63 लोग काल का ग्रास बन गए। मोटे तौर पर 626 करोड़ का नुकसान अभी तक हो चुका है। सबसे ज्यादा नुकसान सड़को, बिजलीं, पानी की योजनाओं व दूर संचार को हुए। पुलों का 386 करोड़ का नुकसान हुआ। 224 पशुओं की जान गई। 799 घरों व पशुशालओं को नुकसान पहुंचा। राहत के लिए केन्द्र से ज़्यादा से ज़्यादा मदद लेने की कोशिश की जाएगी। बागवानी व कृषि को भी बहुत नुकसान पहुंचा है। प्रदेश सरकार ने भी तक 219.65 करोड़ की राशि जारी की गई है। मुख्य सड़कों को बहाल कर दिया गया है बाकी कार्य प्रगति पर है। 15 करोड़ की अतिरिक्त राशि बीते कल ही जारी कर दी गई है। 269 करोड़ का नुकसान आईपीएच विभाग को हुआ है। बरसात के कारण संपर्क टूट जाता है जिसको ध्यान में रखते हुए एसडीएम को सैटेलाइट फ़ोन देने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री के जवाब के बाद सदन की कार्यवाही कल बुधवार सुबह ग्यारह बजे तक स्थगित कर दी।