भाजपा के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर का 89 साल की उम्र में आज सुबह निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार थे। कुछ दिन पहले उन्हें भोपाल के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। गौर को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। इसके अलावा उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। गौर ने 2004 में उमा भारती के मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद प्रदेश की कमान संभाली थी। वे 1974 से 2013 तक दक्षिण भोपाल और गोविंदपुरा सीट से लगातार 10 बार विधायक रहे थे।
गौर का अंतिम संस्कार दोपहर 2 बजे सुभाष नगर स्थित विश्राम घाट पर किया जाएगा। इससे पहले उनकी पार्थिव देह प्रदेश भाजपा कार्यालय में अंतिम दर्शन के लिए रखी जाएगी।
गौर का जन्म 2 जून 1930 को उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में हुआ था। वे भाजपा के अकेले नेता रहे जिन्होंने मध्य प्रदेश विधानसभा के लगातार 10 चुनाव जीते। 23 अगस्त 2004 से 29 नवंबर 2005 तक वे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे। 2013 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा फिर सत्ता में आई और उन्हें मंत्री बनाया गया। राजनीति में आने से पहले गौर ने भोपाल की कपड़ा मिल में मजदूरी की थी। श्रमिकों के हित में कई आंदोलनों में भाग लिया था। वे भारतीय मजदूर संघ के संस्थापक सदस्य थे। 1974 में मध्य प्रदेश शासन द्वारा उन्हें 'गोआ मुक्ति आंदोलन' में शामिल होने के कारण स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का सम्मान प्रदान किया गया था।