Follow Us:

राष्ट्रीय प्रमाणन के लिए स्वास्थ्य संस्थानों में कमियों को शीघ्र पूरा करें अधिकारी: एडीसी

नवनीत बत्ता |

हमीरपुर जिला क्वालिटी एवं एश्योरैंस समिति की बैठक आज अतिरिक्त उपायुक्त रत्तन गौतम की अध्यक्षता में उनके चैंबर में आयोजित की गई । बैठक में राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन में राष्ट्रीय प्रमाणन के लिए जरूरी स्कोर 70 प्रतिशत को प्राप्त करने के लिए विभागीय चिकित्सा अधिकारियों को स्वास्थ्य संस्थानों में कमियों को शीघ्र पूरा करने तथा सिविल अस्पताल सुजानपुर का आंकलन 25 सितम्बर से पहले  करने के निर्देश दिए।  उन्होंने कहा कि हर स्वास्थ्य संस्थान में कम से कम 10 पर्चियों का ऑडिट हर महीने जिला स्वास्थ्य अधिकारी तथा खंड चिकित्सा अधिकारी करना सुनिश्चित करें।  

बैठक में डा. संजय जगोता ने बताया कि गुणवत्ता आश्वासन कार्यक्रम के तहत जिला में सिविल अस्पताल टौणी देवी, सिविल अस्पताल सुजानपुर टीहरा और सिविल अस्पताल बड़सर को शार्ट-लिस्ट किया गया है।  जिला हमीरपुर में कुल 8 स्वास्थ्य संस्थान हैं जहां पर एक्सरे की सुविधा उपलब्ध है तथा इन्हें भी शीघ्र ही ईआरबी से  प्रमाणीकरण किया जाएगा। जिला को इस कार्यक्रम के तहत 2 लाख रूपए की राशि प्राप्त हुई है जिसमें से 1-1 लाख रूपए सिविल अस्पताल टौणीदेवी तथा सिविल अस्पताल सुजानपुर टीहरा को प्रदान किए गए हैं ताकि कमियों को पूरा किया जा सके। इसके अतिरिक्त मुख्य निष्पादन संकेतक की रिपोर्ट भी जिला मुख्यालय को हर माह भेजी जाए।

उन्होंने बताया कि कायाकल्प कार्यक्रम के तहत वर्ष 2016-17 में जिला हमीरपुर के तीन स्वास्थ्य संस्थानों जिला अस्पताल हमीरपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र जंगलबेरी तथा पीएचसी गुब्बर ने ईनाम जीता था। इसके अतिरिक्त वर्ष 2017-18 में भी पीएचसी उहल ,पीएचसी गुब्बर, तथा पीएचसी नालटी ने  ईनाम जीते हैं। कायाकल्प कार्यक्रम के तहत जिला में 20 स्वास्थ्य संस्थान चयनित किए गए हैं। लक्ष्य कार्यक्रम में मैडीकल कालेज हमीरपुर को चुना गया है जिसमें लेबर रूम व आपरेशन थियेटर का मूल्यांकन 3 तथा 4 अक्तूबर को किया जाएगा। इसके साथ बायो मैडीकल वेस्ट समिति की बैठक भी आयोजित की गई जिसमें प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड परवाणू के वरिष्ठ  सांईटिफिक आफिसर, समस्त खंड चिकित्सा अधिकारी, सुरक्षा बायो सेनिटिजेर कांगड़ा के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।  बैठक में सभी स्वास्थ्य संस्थानों को  कॉमन बायो मैडीकल वेस्ट ट्रीटमैंट फेसिलिटी कांगड़ा के साथ जोडऩे का निर्णय लिया गया।