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मंडी: मुंह से लिखकर पास की NEET परीक्षा, मेडिकल बोर्ड ने इंटरव्यू में किया रिजेक्ट

समाचार फर्स्ट डेस्क |

मंडी के उपमंडल सुंदनगर के डूगराई पंचाय के रजत के बचपन में करंट लगने से दोनों हाथ काटने पड़े। लेकिन रजत ने हौंसला नहीं छोड़ा। बचपन से पढ़ाई का शौक रखने वाले रजत ने हादसे के बाद मुंह से लिखना शुरू कर दिया। उसने इसी जज्बे से पहले मैट्रिक और फिर मेडिकल में जमा दो की परीक्षा अच्छे नंबरों से पास की। ये सब परीक्षाएं अपने मुंह में पैन पकड़कर पास की ।

इसके बाद उसने ऑल इंडिया स्तर का नीट की परीक्षा पास की। इसे पास करने के बाद उसे मंडी के नेरचौक मेडिकल कालेज में सीट मिली। परिवार इस बात को लेकर खुश था कि उनका दिव्यांग बेटा डॉक्टर बनेगा, मगर उनके सपने तब टूट गए जब नेरचौक मेडिकल कालेज ने दिव्यांग रजत को इंटरव्यू के बाद मेडिकल में फिजिकल अनफिट का हवाला देकर रिजेक्ट कर दिया। नेरचौक मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य डॉ. रजनीश पठानिया ने बताया कि डॉक्टरी प्रक्रिया के दौरान रजत ना कोई दवाई लिख सकता है ना औजार चला सकता है। ऐसे में वह मानदंडों के अनुसार, शारीरिक तौर पर अनफिट है और डॉक्टर की पढ़ाई नहीं कर पाएगा।

इसके बाद परिवार सकते में है। रजत अब खुद को व्यवस्था के आगे हारा समझ रहा है। उसका कहना है कि जब उसने नीट की परीक्षा पास की थी तो उसे लगा था कि वह दिव्यांग नहीं है, मगर जब सिस्टम ने उसे हर तरफ से रिजेक्ट कर दिया। वह कहता है कि अब उसे एहसास हुआ कि वह आगे कैसे बढ़ेगा। उसने मेडिकल की पढ़ाई छोड़ अब मंडी कालेज में आर्टस की पढ़ाई शुरू कर दी है। रजत ने सरकार से मांग की है कि उनके साथ अन्याय हुआ है उन्हें न्याय दिलाया जाए।