हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ दोफाड़ नज़र आ रहा है। संघ पर असंवैधानिक तरीके से चुनाव करवाने के आरोप लग रहे हैं। इन आरोपों पर सफ़ाई देने के लिए आज प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र चौहान स्वयं सामने आए। अपने ऊपर लग रहे आरोपों पर चौहान ने कहा कि कुछ लोग संगठन विरोधी काम कर रहे हैं। उनके द्वारा ही उनपर बेतुके और निराधार आरोप लगाए जा रहे है।
संघ के चुनाव राज्य चुनाव आयोग निष्पक्ष तरीके से करवा रहा है। पहले ई-मेल से सदस्यता अभियान चलाया गया जिसकी सदस्यता को चुनाव पूरा होने तक सार्वजनिक नहीं किया जाता है। प्रदेशाध्यक्ष का चुनाव 9 नवंबर को शिमला में ही होगा। हिमाचल प्रदेश में सरकारी स्कूलों की शिक्षा दिन प्रतिदिन पिछड़ रही है। 60 फ़ीसदी से ज़्यादा बच्चे निजी स्कूलों में पलायन कर चुके है।
यहां तक कि सरकारी स्कूलों के अध्यापक भी अपने बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ा रहे हैं। ऐसे में हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ बच्चों की पढ़ाई की बात करने के बजाए राजनीति कर रहा है। फिर हिमाचल के स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता कैसे आएगी।