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प्रदेश के प्रमुख शहरों में रोपवे से होगा सफर, देश-विदेश की बड़ी कंपनियों ने निवेश की जताई इच्छा

समाचार फर्स्ट |

ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट में देश-विदेश की कई बड़ी कंपनियों ने रोपवे में निवेश की इच्छा जताई है। राजधानी शिमला में लोगों को अब भविष्य में ट्रैफिक जाम की समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा। वहीं, रोपवे निर्माण से शिमला में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। करीब 3324 करोड़ की लागत से 83.10 किलोमीटर रोपवे बनेगा और इसका निर्माण तीन चरणों में होगा और 50 स्टेशन बनेंगे। रोपवे निर्माण के लिए जनवरी में टेंडर लगेगा। निर्माण कार्य दो साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा है।

केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के वाप्कोस लिमिटेड की देखरेख में आरटीडीसी रोपवे का काम करवाएगा। प्रदेश के तीन बड़े शहरों शिमला, धर्मशाला व मनाली में रोपवे की संभावना तलाशने व निर्माण कार्य करवाने के लिए प्रदेश सरकार ने गत वर्ष रोपवे एंड रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम कारपोरेशन (आरटीडीसी) का गठन किया था। एक स्टेशन पर सात से आठ ट्रॉली चलेंगी। एक ट्रॉली में एक समय में छह से सात लोग सफर कर सकेंगे। रोपवे में सफर करने के लिए लोगों को बस किराये से पांच रुपये अधिक देना होगा।

पहले चरण में शिमला शहर का पूरा सर्कुलर मार्ग, 103 टनल, सचिवालय, संजौली, आइजीएमसी, तारा देवी, न्यू शिमला, बालूगंज, ऑकलैंड टनल। इसी चरण में तारा देवी से लोअर लिफ्ट तक एक्सप्रेस वे बनेगा। इस रोपवे पर तारा देवी से लोअर लिफ्ट तक नॉन स्टॉप ट्राली चलेगी। दूसरी मेडिकल लाइन रहेगी। केएनएच से आइजीएमसी के बीच बनने वाले रोपवे की सुविधा मरीजों को लाने-ले जाने में मिलेगी। रोपवे पंथाघाटी, एसजेवीएनएल,केलटी, भराड़ी, जाठिया देवी मंदिर व जुन्गा व एयरपोर्ट क्षेत्र व तृतीय चरण में शोघी वाकनाघाट, आइटी मार्ग, चैल व टुटू से घणाहटी को सीधा जोड़ेगा।