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ऊनाः पति ने पत्नी से सरेबाजार की मारपीट और छेड़छाड़

रविन्दर, ऊना |

वैसे तो पति पत्नी का साथ सात जन्मों का होता है। जब पति पत्नी शादी के बंधन में बंधते है तो अग्नि के सात फेरे लेते वक्त पति अपनी पत्नी की सुरक्षा का भी वचन लेता है। लेकिन आज कलयुग के समय में अगर पति अपने वायदे कसमों को भूल जाये और अपनी पत्नी के लिए रक्षक की जगह भक्षक बन जाये तो इससे शर्मसार और क्या हो सकता है। समाज को शर्मसार कर देने वाली एक घटना जिला ऊना में अम्ब के मुबारिकपुर में पेश आयी जब एक पत्नी अपने ही पति से अपनी इज्जत बचाती फिर रही थी। पति अपनी पत्नी को सरेबाजार लजजा भंग करने पर उतारू था लेकिन समय रहते लोग वहां पहुंच गए और महिला को बचा लिया गया।

पीड़िता ने इस सम्बद्ध में अपने पति के खिलाफ पुलिस के पास शिकाउत भी दर्ज करवा दी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। बताया जा रहा है कि पति और पत्नी में अनबन चल रही है और वह एक दूसरे से अलग रहते है जबकि तलाक का केस कोर्ट में चला हुआ है। जानकारी के अनुसार पीड़िता ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसकी शादी करीब 8 साल पहले ऊना में हुई थी। लेकिन उसका पति उसे बेवजह तंग करता है जिसके चलते उनके तलाक का केस भी कोर्ट में चला हुआ है। उनका एक बेटा भी है। करीब 8 माहिने से वह अलग-अलग रह रहे हैं। बीते कल वह मुबारिकपुर स्कूटी पर दवाई लेने आई। यहां पर उसका पति भी आ पहुंचा। पति ने कथित तौर पर उसका रास्ता रोक लिया और मारपीट करने लगा। जब उसने विरोध किया तो पति बाजार में उसकी लजजा भंग करने पर उतारू हो गया। स्थानीय दुकानदारों ने उसे किसी तरह बचाया और वह वहां से भाग निकला। घटना में महिला को चोटें भी पहुंची है। उधर डीएसपी मनोज जंबाल ने बताया कि पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
 
जिला में महिलाओं पर बढ़ रहा अत्याचार

महिलाओं की सुरक्षा को लेकर जिला ऊना पहले ही सुर्खियों में है। कभी जिला के स्कूलों में शिक्षकों पर छेड़छाड़ और तंग करने के आरोप लग रहे है। वहीं, अब पत्नी द्वारा पति पर लज्जा भंग करने का केस दर्ज होने से महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए है। ऐसा लगता है की ऊना में महिला शक्ति सुररक्षित नही है। हालांकि स्कूलों में जिला प्रसाशन नए साल से ओकक निरक्षण करने की योजना बना रहा है।

महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बनाया गया है महिला थाना

एसपी दिवाकर शर्मा की माने तो ऊना में महिलाएं सुरक्षित है। पुलिस इसके लिए बचनबद्ध है। जिला मुख्यालय पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए महिला पुलिस थाना भी बनाया गया है। गुड़िया हेल्पलाइन की मदद भी जरूरत पड़ने पर ली जा सकती है। महिला पुलिस कर्मी भी सार्वजनिक क्षेत्रों में ड्यूटी पर तैनात रहती है।