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बर्फबारी से निपटने में फेल निगम और प्रशासन, कांग्रेस ने बोला हल्ला

पी. चंद, शिमला |

जिला कांग्रेस कमेटी शिमला शहरी के पूर्व अध्यक्ष अरुण शर्मा ने बर्फ के बाद शिमला शहर की हालत पर गहरी चिंता जाहिर की है। उन्होंने निगम और जिला प्रशासन को निकम्मा करार देते हुए कहा कि ये हैरानी है कि जिला प्रशासन अलर्ट जारी करता है परंतु खुद अलर्ट नहीं हो पाता। पिछले कुछ समय से देखने में आ रहा है की नगर निगम शिमला और जिला प्रशासन हल्की बर्फबारी में ही अपनें हाथ खड़े कर देता है ।

अरुण शर्मा ने कहा कि सरकार का काम महज सोशल मीडिया में एडवाइजरी जारी करना नहीं होता बल्कि आने वाली स्थिति के लिए अपने महकमे को तैयार करना भी होता है। शिमला के लगभग सभी रोड बंद हैं, बिजली पानी का पता नहीं, दूर की बात छोड़िए माल रोड, लोअर बाज़ार में व्यापारी खुद बर्फ हटाने को मजबूर हैं। अस्पतालों के रास्ते पत्थर बने हुए हैं वहां से बर्फ हटाने के लिए निगम और प्रशासन ने कोई ज्यादा रुचि नहीं दिखाई है। बर्फ हटाने का काम राम भरोसे चला हुआ है शहर के बीचों-बीच ये हाल हैं तो शहर से लगते क्षेत्रों की स्तिथि का आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं ।

उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि कोई बड़ी प्रकृतिक आपदा एकदम से आ गई हो और प्रशासन को इसका एहसास नहीं हो, बर्फ के मौसम में भी प्रशासन के प्रबंधन के ये हाल हैं तो सोचिए कोई आपदा यदि शहर पर आती है तो शहर का क्या होगा ? अरुण शर्मा ने कहा कि निगम की तो बात ही छोड़िए अब तो निगम पर कुछ कहने पर खुद को हंसी आती है। निगम में बीजेपी के सत्तासीन होने के उपरांत जिस प्रकार से निगम का भट्टा बैठाया गया है ये कई वर्षों तक सही नहीं हो पाएगा ।

अरुण शर्मा ने कहा कि निगम के नुमाइंदे छुट्टियों पर हैं, ये नई बात नहीं है। जनता को आदत हो गई है जब भी जनता मुसीबत में होती है हमारे निगम के नुमाइंदे टूर पर चले जातें हैं। अपनी जिम्मेवारी से भागने का ये सबसे अच्छा तरीका है जो बीजेपी ने निगम में आने के बाद महापौर और उपमहपौर को सिखाया है। गर्मी में पानी के समस्या हो तो टूर में जाए और सर्दी में जब बर्फ की मुसबित हो तो टूर पर चले जाएं ।

उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी में जनता को एसकीलेटर, स्काई वाल्क के सपने दिखाने से पहले मूलभूत सुविधाओं तक तो पहुंचो, बीजेपी का निगम जनता पर हर तरह से टेक्स लगाने के लिए बैठक करता आया है। लेकिन जब जनता को मूलभूत सुविधाओं की जरूरत होती है तो इनके नुमानदें गायब हो जाते हैं । अरुण शर्मा ने निगम को नसियत दी कि स्मार्ट सिटी के बड़े-बड़े शगूफे छोड़ने से पहले धरातल में देखें,  हल्की से बर्फ में आपने शिमला को जाम कर दिया है । पर्यटक यहां आकार परेशान हो रहा है। शिमला के मुख्य पर्यटन स्थलों के रास्ते बंद पड़ें हैं। रिज के साथ लगते जाखू क्षेत्र के हालत देख कर पर्यटक प्रशासन से प्रशन कर रहें हैं।  हड्डियां तोड़ देने वाले रास्तों से क्या अब पर्यटकों का स्वागत किया जाएगा ?

अरुण शर्मा ने कहा कि ये पूरी तरह से सिस्टम फैलियर है, शिमला की सारी सड़कें जाम हैं , मुख्य मार्ग बंद हैं। रिज माल रोड तक पर चलना मुश्किल है रिज से आईजीएमसी जाने वाला रोड चलने लायक नहीं है। शहर की सड़कों में गिर कर लोग चोटिल हो रहें हैं ,बाजार की सीडियां हादसों को निमंत्रण दे रहीं हैं। पर प्रशासन अपनी घहरी निंद्रा में हैं … सरकार सो रही है … जनता परेशान हो रही है यही बीजेपी राज है ….