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हस्तकरघा उत्पादों को प्रमोट करना सरकार का उद्देश्य : राम लाल मारकण्डा

पी. चंद, शिमला |

इंदिरा गांधी खेल परिसर में राज्य सहकारी ऊन एकत्रीकरण एवं विपणन संघ स्टेट वूल फैडरेशन की ओर से वूलन एक्सपो ऊन हस्तशिल्प एवं हथकरघा प्रदर्शनी का आयोजन किया गया । प्रदर्शनी में 23 स्टॉल लगाए गए हैं। जिनमें विभिन्न लघु उद्योगों की हस्तशिल्पी, हथकरघा उत्पाद सजे हैं। इस प्रदर्शनी का विशेष आकर्षण लोकल ऊन का धागा बनाने के लिये उपयोग किये जाने वाले चरखा हाथ से घुमाई जाने वाली तकली और बुनाई कार्य की खड्डी हैं जिन पर कार्य करने वाले बेसर सिंह, ब्रेस्ति देवी, ओर प्रेम सिंह मंडी से है। इन सब दस्तकारों ने अपनी पारम्परिक विरासत को संजोकर रखा है। शनिवार को कृषि, आईटी व जनजातीय विकास मंत्री रामलाल मारकण्डा ने इंदिरा गांधी खेल परिसर में 10 दिवसीय वूलन प्रदर्शनी का शुभारंभ किया।

उन्होंने स्वंय भी जनजाति से सम्बंध होने के आधार पर इस प्रदर्शनी में विशेष रुचि दिखाई। उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शनी में कारीगरों द्वारा कैसे वूलन का उत्पाद तैयार किया जाता है, इसकी भी प्रदर्शनी लगाई गयी है। मंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि हस्तकरघा के उत्पादों को प्रमोट किया जाएगा। ताकि स्थानीय व पर्यटकों को इसका भरपूर लाभ मिल सके।प्रदर्शनी को देखने के उपरांत कृषि मंत्री को राज्य सहकारी ऊन प्रापण एवं विपणन संघ स्टेट वूल फैडरेशन के प्रबंधक निदेशक विजय ठाकुर ने व प्रबंधक दीपक सोनी ने शॉल व टोपी देकर समानित किया।

इस प्रदर्शनी को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के दुर्गम व दूर दराज के क्षेत्रों में छोटे हथकरघा उत्पादोंं को बढ़ावा देना है। इसके अलावा  प्रदर्शनी के माध्यम से शिमला घुमने आए पर्यटकों को हिमाचल की कला, संस्कृति और हाथ की कला और शुद्ध ऊन से बने उत्पादों के बारे में जानकारी मिलेगी। इससे छोटे उधमों को चला रहे लोगों को भी सहायता मिले। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनी में सामान्य दरों पर बेचने के लिए भी  उत्पाद लगाए हैं जहां से लोग यह उत्पाद खरीद सकते हैं। उन्होंनें बताया कि यह प्रदर्शनी 21 जनवरी तक चलेगी।

वहीं, इस मौके पर मौजूद  स्टेट वूल फैडरेशन के विपणन प्रबंधक दीपक सैनी ने बताया कि इस प्रदर्शनी में विभिन्न सहकारी संस्थानों, सरकारी संस्थाओं, लघु उद्यमों और अन्य संस्थानों के हस्तशिल्पी हिस्सा ले रहे हैं। प्रदर्शनी के माध्यम से यह प्रयास किया जा रहा है कि स्थानीय हस्तशिल्पियों को उनके उत्पादों के प्रदर्शन और विपणन के लिए बेहतरीन मंच प्रदान किया जाए। उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शनी में हथकरघा उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए उपभोक्ताओं को 10 से 20 प्रतिशत छूट भी दी जा रही है।