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अर्की का मास्टर लक्की सारेगामापा के टॉप 20 में चयनित

मनोज धीमान |

जिला सोलन में अर्की के नगर के वार्ड नंबर 2 के मास्टर लक्की (कार्तिक काशव) का चयन सारेगामापा जी पंजाबी टॉप 20 जैजी बी की टीम के लिए चयन हुआ है। अर्की नगर से किसी भी स्पर्धा में भाग लेने वाले वे पहले  युवक हैं।  नगर के लोगों और युवाओं में खुशी का माहौल है कि नगर का युवा इस मुकाम पर पहुंचा है। लक्की ने पंजाबी और हिन्दी गानों के साथ भजन गायकी में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। उन्होंने स्कूल में पढ़ाई के दौरान संगीत में अनेक मैडल अपने नाम किए हैं। उन्होंने राज्य और राष्ट्रीय स्तर की कई प्रतियोगिताओं में भाग लेकर अपने स्कूल और अर्की का नाम भी रोशन किया है ।

मास्टर लक्की ने पिछले साल हांगकांग में भजन संध्या में अपनी कला का प्रदर्शन किया था। वे वहां से कई अवार्ड जीत कर आए थे। उन्होंने बताया कि उन्हें बचपन से ही संगीत का शौक रहा है। वे जब 10 साल के थे तो उन्होंने गाने का अभयास किया था। यही नहीं गाने के साथ ही तबला वादन भी सीख लिया था।

उन्होंने बताया कि उन्होंने संगीत की शिक्षा गोपाल शर्मा जोकि दूरदर्शन शिमला में म्यूजिक डायरेक्टर के पद पर कार्यरत हैं को अपना गुरु मानकर उनसे यह शिक्षा ग्रहण की। वे प्रदेश के कई प्रसिद्ध मेलों में सांस्कृतिक संध्याओं में अपनी छाप छोड़ चुके हैं। लक्की के पिता रत्न चंद यहां टैक्सी चलाते हैं जबकि माता रामप्यारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर कार्यरत हैं। मास्टर लक्की ने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय जहां अपने माता पिता को दिया है। वहीं, अपने गुरूजनों और मित्रों को दिया है।

नवंबर माह के अंत में हुआ था ऑडिशन

जी पंजाबी  के शो सारेगामापा में 1000 अभ्यर्थियों ने यह आडिशन दिया था। इस ऑडिशन में टीवी राऊंड के लिए सिर्फ 40 प्रतिभागियों का चयन होना था। उन 40 प्रतिभागियों में कार्तिक काशव उर्फ मास्टर लक्की का भी चयन हुआ। दूसरा मैगा राउंड मुंबई में हुआ जिसमें मास्टर लक्की टॉप 20 में पहुंच चुके हैं और कंपटीशन जारी है। उन्होंने बताया कि ऑडिशन में लेवल 1 और लेवल 2 होते हैं। लेवल 1 में सिलेक्शन होती है और लेवल 2 में प्रतिभागी को सिलेक्शन के बारे में फोन द्वारा सूचित किया जाता है।

यदि प्रतिभागी सिलेक्ट होता है तो उसके बाद 21 दिन की वर्कशॉप होती है, जिसमें गाना गाने और अन्य प्रतिक्रियाओं संबंधी जानकारी दी जाती है। मास्टर लक्की अकेले प्रतिभागी थे जिन्होंने सिर्फ 11 दिन की वर्कशॉप लगाई और अन्य प्रतिभागियों ने 21 दिन की वर्कशॉप लगाई। उसका कारण था उन्हें सिलेक्शन की कॉल देरी से आई। जिस कारण वे 10 दिन देरी से पहुंचे। उन्होंने बताया कि अभी उनका 'आफरीन लाइव बैंड' के नाम से एक ग्रुप है जिसके माध्यम से हुए अलग-अलग राज्यों में अपना कार्यक्रम प्रस्तुत करने के लिए जाते हैं। वे अपना स्टूडियो वर्क कर रहे हैं जिसमें वह गानों के लिए संगीत निर्देशन करते हैं ।