हिमाचल प्रदेश के तत्वाधान में सुंदरनगर में राजपूत महासभा सामान्य वर्ग संयुक्त मंच की बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता सामान्य वर्ग के प्रदेश संयोजक एवं प्रदेश महासचिव राजपूत महासभा हिमाचल प्रदेश श्री केएस जम्वाल ने की। बैठक में सामान्य वर्ग के जिला स्तर के सभी संगठनों के शीर्ष पदाधिकारियों ने भाग लिया और सर्वसम्मति से केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हवाला देते हुए जातिगत आरक्षण को प्रमोशन में ना देने के निर्णय का स्वागत किया गया। बैठक में लोकसभा में जाति आधारित पार्टियों और उनके नेताओं द्वारा इसके विरोध में हो हल्ला करने का कड़ा विरोध किया और साथ ही सामान्य वर्ग के सभी सांसदों व मंत्रियों का इसके उपर चुप्पी साधने का भी कड़ा संज्ञान लिया।
सभी शीर्ष पदाधिकारियों ने केंद्र सरकार से औऱ सामान्य वर्ग के लोकसभा सांसदों और मंत्रियों से अनुरोध किया कि वे इन अवांछित नेताओं के दबाव में आकर दोबारा कोई अनैतिक निर्णय ना लें, अन्यथा सामान्य वर्ग समाज और विशेषकर महिला शक्ति एवं युवा पीढ़ी चुप नहीं बैठेगी और अपने संघर्ष को और तीव्र करके सड़कों पर उतरने पर मजबूर हो जाएगी। सामान्य वर्ग के प्रदेश संयोजक के एस जम्वाल औऱ ब्राह्मण सभा के वरिष्ठ पदाधिकारी बलबीर शर्मा जी ने हिमाचल सरकार द्वारा हाल ही में आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लोगों के लिए 10% आरक्षण देने की एवज में उनका बीपीएल का 7% कोटा समाप्त कर उसी में मर्ज करने और सरकारी नौकरियों में बाहरी राज्यों के जनरल और एससी, एसटी कैटेगरी के अभ्यार्थियों को सामान्य वर्ग के कोटे में नौकरियों के लिए आवेदन करने की छूट के लिए भी कड़ी निंदा की। उन्होंने सरकार से इसे समय रहते सुधारने की गुहार लगाई और एससी एसटी कैटेगरी के अनुरूप सामान्य वर्ग का 7% बीपीएल कोटा बहाल करने तथा इस वर्ग के लिए भी हिमाचली प्रमाण पत्र आदि की कंडीशन लगाकर इसमें सुधार करने काआग्रह किया ताकि सामान्य वर्ग के कोटे में बाहर के अभ्यार्थि लोगों को हिमाचल में सामान्य वर्ग के कोटे में सेंध लगाने से रोका जा सके।
उन्होंने हिमाचल सरकार से आरक्षण को पूर्ण रूप से आर्थिक आधार पर करने,एससी एसटी एक्ट के अवांछित दुरुपयोग को बंद करने हेतु और सामान्य वर्ग के मौलिक अधिकारों की रक्षा हेतु इस एक्ट की संगीन और अनैतिक धाराओं का सरलीकरण करने एससी एसटी के साथ अंतर्जातीय विवाह करने पर 2.5 लाख रूपये की भारी-भरकम प्रोत्साहन राशि देने जैसे अनैतिक निर्णयों को भी समाप्त करने के लिए हिमाचल के सामान्य वर्ग का साथ देने का आग्रह किया ताकि आने वाले समय में इसके विरोध में व्याप्त आक्रोश को शांत किया जा सके। बैठक में आने वाले 23 फरवरी, रविवार को सामान्य वर्ग का आम अधिवेशन का सुदंर नगर में आयोजन करने का भी निर्णय लिया गया, जिसमें प्रदेश और जिला स्तर के सभी संगठनों के शीर्ष पदाधिकारी भाग लेंगे और यदि प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार इस पर शीघ्र कोई निर्णय नहीं लेती है तो आगे के संघर्ष की रणनीति भी बनाई जाएगी, जिसके दुष्परिणामों के लिए सरकार स्वयं जिम्मेदार रहेगी।