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‘शराब सस्ती और बिजली महंगी, सरकार का हर फैसला प्रदेश हित में नहीं होता’

नवनीत बत्ता |

प्रदेश कांग्रेस के पूर्व चीफ सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बिजली के दाम बढ़ने की ख़बर पर सरकार को कटघरे में खड़ा किया। सुक्खू ने कहा कि यह बहुत हैरानी की बात है एक ओर जहां सरकार घाटे का बजट पेश करने जा रही है जिससे आम आदमी को कोई राहत मिलने वाली है। उसी के साथ बिजली बढ़ोतरी की बात भी अब सामने आने लगी है। बिजली का बिल बढ़ने का मतलब है कि प्रदेश के हर घर पर आर्थिक बोझ डालना।

सरकार को इससे विपरीत शराब महंगी करनी चाहिए थी लेकिन सरकार ने शराब की जगह बिजली को निशाना बनाया। शराब को लेकर सरकार का फैसले बड़ी चिंता जनक बाते हैं और यह हमारे युवाओं को किस तरफ लेकर जाएगी हमें सोचना चाहिए। प्रदेश में बिजली के बिल को बढ़ाना प्रदेश के लोगों के ऊपर पहले ही आर्थिक मंदी का प्रभाव दिखाई दे रहा है। बेरोजगारी प्रदेश में बढ़ती जा रही है देश का तीसरा सबसे बड़ा विरोध गार राज्य हिमाचल प्रदेश हो चुका है। सरकार को इन सभी विषयों को लेकर सोचना चाहिए और बजट में बेरोजगारी को कैसे दूर भगाना है इसको लेकर प्रयास करने चाहिए।

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हालांकि बिजली हिमाचल में पैदा हो रही है, सीमेंट की बोरी हिमाचल में पैदा हो रही है लेकिन हम इसे दूसरे राज्यों से भी ज्यादा महंगे दामों पर हम लोग खरीद रहे हैं। सरकार को सीमेंट और बिजली के दामों में गिरावट किस तरह होगी इस बारे में सोचना चाहिए, ना कि शराब के भाव किस तरह से गिराने हैं इस बारे में सोचना चाहिए। क्योंकि बिजली और सीमेंट के दामों में अगर गिरावट होगी तो प्रदेश का विकास होगा, लेकिन शराब के दामों में गिरावट होगी तो प्रदेश की आने वाली पीढ़ी का विनाश होगा।

याद रहे कि हाल ही में बिजली बोर्ड के द्वारा बिजली के भागों में 9 फ़ीसदी तक की बढ़ोतरी करने की बात कही गई थी। बोर्ड ने इसके लिए सरकार से अनुमति मांगी है।