हिमाचल के चुनाव कांग्रेस और बीजेपी दोनों के लिए काफी अहम बन गया है। बीजेपी को हिमाचल चुनाव जीतकर अपनी नाक बचानी है तो दूसरी तरफ कांग्रेस चुनाव में विजय प्राप्त कर देश भर में अपनी साख बचानी है। क्योंकि दोनों ही दलों के लिए गुजरात और हिमाचल की जीत दिल्ली के सिंहासन तक पहुंचने की नींव रखेगी। यही वजह है कि हिमाचल के चुनाव में जनता के मुद्दे गौण है जबकि एक दूसरे के ऊपर आरोप-प्रत्यारोप की जमकर बरसात हो रही है।
जिस मंहगाई के मुद्दे को सीढ़ी बनाकर लोकसभा में बीजेपी ने बहुमत से सरकार बनाई आज इसका जिक्र तक नही हो रहा है। मीडिया और जनता सब मंहगाई के मुद्दे पर खामोश है यहां तक कि कांग्रेस के बड़े बड़े नेता भी हिमाचल आकर जीएसटी और नोटबंदी के मुद्दे से बाहर नहीं निकल पा रहे है।
वहीं, भ्रष्टाचार को लेकर दोनों दल एक दूसरे के ऊपर जमकर निशाना साध रहे हैं। मीडिया हाउस अपने-अपने ओपिनियन पोल अपने अपने हिसाब से जारी कर रहे हैं। इस सब के बीच हिमाचल की जनता खामोश है और जब जनता खामोश होती है बड़े-बड़े नेताओं को बोलती बंद हो जाती है।