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किसानों को दिक्कतें न आएं इसके लिए पौध सरंक्षण केंद्र खुले रहेंगे: CM

पी. चंद |

कोरोना वायरस के चलते प्रदेश में कर्फ्यू चल रहा है। ऐसे में किसी जरूरी सामान की दिक्कत न हो इसके लिए रिव्यू मीटिंग बार बार हो रही है। मुख्यमंत्री खुद इस मीटिंग का हिस्सा बन रहे हैं और इस संबंध में आज भी वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक हुई। बैठक में मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि किसानों और बागवानों को पौध संरक्षण सामग्री जैसे स्प्रे तेल, फफूंदनाशक और उर्वरक आदि प्रदान करने के लिए प्रदेश में 300 पौध संरक्षण केंद्र खुले रहेंगे।

प्रदेश सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि किसानों की सुविधा के लिए पौध संरक्षण सामग्री की बिक्री करने वाली दुकानें खुली रहेंगी। इसके अतिरिक्त मधुमक्खी पालन से जुड़े लोगों की सुविधा के लिए भी कदम उठाए गए हैं। आगामी सेब सीजन को ध्यान में रखते हुए पड़ोसी राज्यों से मधुमक्खी बक्सों के परिवहन के निर्देश दिए गए हैं। सेब और सब्जियों के लिए किसानों को एंटी हेलनेट उपलब्ध करवाए जाएंगे।

बनाया गया सेनेटाइजर भेंट

इसी के साथ आईएचबीटी द्वारा बनाया सेनेटाइजर विशेष सचिव ने मुख्यमंत्री को भेंट किया। ये सेनेटाइजर सीएसआईआर- इस्टीट्यूट आॅफ हिमालयन बायोरिसोर्स टैक्नोलॉजी (आईएचबीटी), पालमपुर संस्थान द्वारा तैयार किया गया है। इस सेनेटाईजर में एल्कोहल की मात्रा विश्व स्वास्थ्य संगठन के मापदंडों के अनुरूप है।

संस्थान के प्रयासों की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सेनेटाईजर के तैयार होने से कोरोना वायरस महामारी के इस दौर में लोगों को पर्याप्त मात्रा में हैंड सेनेटाईजर उपलब्ध होंगे। इससे आम जनता को कोविड-19 के संक्रमण से बचने में भी सुविधा मिलेगी। संस्थान के निदेशक संजय कुमार के अनुसार इस सेनेटाईजर के परिणाम अन्य सेनेटाईजर से बेहतर पाए गए हैं। इसमें प्राकृतिक तेलों और चायपत्ती के घटक शामिल हैं।