पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सूक्खू ने सरकार से मांग की है। सुक्खू ने कहा कि अनेक फल पक कर तैयार हैं और उन्हें पैक करने के लिए बॉक्स नहीं मिल रहे हैं। सरकार बागवानों के लिए बॉक्स का प्रबंध कराए। कोरोना महामारी के चलते बॉक्स की मार्केट में भारी किल्लत हो गई है। उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है ताकि बागवानों को बॉक्स उपलब्ध हो सकें।
सूक्खू ने कहा कि सीएम बद्दी, परमाणु में स्थित गत्ता फैक्टरियों को उत्पादन शुरू करने की मंजूरी दें। महामारी के मद्देनजर जरूरी हिदायतों के साथ उत्पादन शुरू कराया जाए। इससे बागवानों को बॉक्स उपलब्ध हो सकेंगे। इससे वे अपने फलों को पैक कर मार्केट में ला पाएंगे। इस समय चेरी, आरु ,पल्म समेत कई फल बागानों में पक चुके हैं, लेकिन बागवान उन्हें तोड़ नहीं पा रहा। चूंकि, तोड़ने के बाद उन्हें पैक करना जरूरी है। इसलिए उन्हें समय सबसे अधिक जरूरत बॉक्स की है। एक-महीने में सेब सीजन भी शुरू हो जाएगा। उसके लिए भी बॉक्स की जरूरत पड़ेगी।
अगर समय रहते गत्ता फैक्टरियों में उत्पादन शुरू न हुआ तो बागवानों की मांग पूरी करना मुश्किल होगा। जिससे सेब की फसल बिना पैकिंग खराब हो सकती है। सूक्खू ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण समय पर पॉलिनेशन के लिए मधुमक्खियां, सेब की पैकेजिंग के लिए सामान और लेबर न मिलने की वजह से इस बार 4,500 करोड़ रुपए की सेब बागवानी पर खतरे के बादल गहरा गए हैं।
हिमाचल के लाखों लोग केवल सेब बागवानी के चलते रोजी रोटी पा रहे हैं। ऐसे में सेब बागवानी के लिए बेहद जरूरी माने जाने वाली मधुमक्खियों की उपलब्धता न होने के चलते नुकसान के आसार हैं। सेब बागवानी 95 फीसदी मधुमक्खियों की वजह से होने वाली पॉलिनेशन के सहारे टिकी हुई है। हिमाचल की 80 फीसदी बागवानी के लिए मधुमक्खियां बाहरी राज्यों पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और बिहार से लाई जाती हैं। लॉकडाउन की स्थिति में अभी तक बाहरी राज्यों से मधुमक्खियों के बॉक्स बागवानों तक नहीं पहुंच पाए हैं। उन्होंने सीएम जयराम ठाकुर से मधुमक्खी पालकों की आमद हिमाचल में सुनिश्चित करने को कहा है। इन्हें पूरी जांच पड़ताल के बाद लाएं ताकि पॉलीनेशन हो सके।