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ऑटो-रिक्शा ऑपरेटरों ने लगाई सरकार से गुहार, विशेष नीति बनाए सरकार

एस जम्बाल |

कोरोना महामारी के चलते प्रदेश में अधिकांश लोगों के रोजी पर बात बन आई है। इसी कड़ी में अब ऑटो रिक्शा चालकों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है। बिलासपुर के ऑपरेटरों ने ज्ञापन में लिखा है कि दो महीनों से ऑटो-रिक्शा खड़े हैं और उनकी स्थिति ख़राब हो रही है। रिक्शा ऑपरेटर्स़ के लिए सरकार विशेष नीति बनाए और उनकी उनके आर्थिक के लिए कुछ बंदोबस्त करे।

ज्ञापन में कहा गया है कि लॉकडाउन के चलते ऑटो रिक्शा पिछले करीब 2 महीने से बेकार खड़े हैं जिस कारण उनकी आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई है। तंगहाली के कारण न तो वे अपने परिवार का भरण-पोषण ही कर पा रहे हैं और न ही देय टैक्स, बैंक लोन की किश्त, बच्चों की फीय और मकान आदि का किराया ही दे पा रहे हैं। उनकी आय का साधन एक मात्र साधन ऑटो संचालन ही है। ज्ञापन में प्रदेश सरकार से न्यूनतम मजदूरी के तहत 7500 रुपए प्रतिमाह आर्थिक सहायता दिए जाने, बैंक लोन की ई.एम.आई. बिना शर्त माफ करने, एक साल के सारे टैक्स और इन्श्योरैंस माफ किए जाने का आग्रह किया है।

इसके अतिरिक्त ज्ञापन में पैरामैडीकल स्टाफ, पुलिस कर्मी, सफाई कर्मी और हिमाचल पथ परिवहन निगम के चालकों और परिचालकों के लिए बनाई गई विशेष बीमा नीति की तर्ज पर ऑटो आप्रेटरों और चालकों का बीस लाख रुपए का बीमा करवाए जाने की मांग की है। ज्ञापन में डीसी बिलासपुर से आटो रिक्शा चलाए जाने की अनुमति प्रदान करने का आग्रह भी किया गया है ताकि वे अपना ता अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें।