Follow Us:

IIT मंडी के शोधकर्ताओं ने तैयार किया कम लागत वाला पोर्टेबल वेंटिलेटर, WIFI से भी करेगा काम

बीरबल शर्मा |

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी के शोधकर्ताओं ने दो कम लागत के पोर्टेबल वेंटिलेटर विकसित किए हैं। विकसित किए गए प्रोटोटाइप उपयोग में आसान हैं और इन्हें आपातकालीन चिकित्सा के लिए गांव-देहात ले जा सकते हैं।

WI-FI से काम करेगा स्मार्ट वेंटीलेटर

आईआईटी मंडी के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अर्पण गुप्ता ने शोध विद्वान- लोकेन्द्र सिंह और सौरभ डोगरा के साथ मिल कर केवल 4,000 रुपये की लागत में स्मार्ट वेंटिलेटर विकसित किया है। मैकेनाइज्ड आर्टिफिशियल मैनुअल ब्रीदिंग यूनिट (एम्बू) बैग के रूप में विकसित प्रोटोटाइप में सांस की दर और मरीज के फेफड़ों में प्रवाहित हवा की मात्रा को नियंत्रित करने जैसे विकल्प भी हैं।

वेंटिलेटर के बारे में आईआईटी मंडी के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अर्पण गुप्ता ने कहा, (कोविड-19) महामारी के मद्देनजर डिजाइन किया गया कम लागत का यह वेंटिलेटर मैन्युअली उपयोग करने के साथ-साथ स्मार्टफोन ऐप से वाई-फाई उपयोग किया जा सकता है। इससे हमारे चिकित्सा कर्मियों की सुरक्षा होगी जो दूर से वेंटिलेटर का उपयोग कर सकते हैं।’’

वेंटिलेटर पर एक इमरजेंसी स्विच और मोबाइल एप्लीकेशन का भी विकल्प है ताकि वेंटिलेटर में किसी खराबी आने पर इसे रोक दिया जाए और इसमें चेतावनी का अलार्म भी लगा है। वेंटिलेटर सीधे एसी सप्लाई या बाहरी बैट्री पर काम करेगा। यह वेंटिलेटर गैर-गंभीर मरीजों के लिए है जिन्हें सांस लेने में मदद चाहिए। प्रोटोटाइप के विकास के लिए आवश्यक सलाह देने हुए एक मेडिकल टीम बनाई गई जिसमें आईआईटी मंडी के चिकित्सा अधिकारी डॉ. चंदर सिंह और जागृति अस्पताल, मंडी के डॉ. मंजुल शर्मा और डॉ. जसदीप शामिल थे।

कम लागत में मैकेनिकल वेंटीलेटर

आईआईटी मंडी के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. राजीव कुमार ने अपनी शोध टीम के साथ मिलकर कम लागत में मैकेनिकल वेंटिलटर विकसित किया है। इलैक्ट्रिक मोटर चालित सेल्फ-इन्फ्लेटेबल बैग के इस्तेमाल से बने इस वेंटिलेटर की लागत 25,000रु. से कम होगी।