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पोस्ट कोड 556 के अयोग्य घोषित अभ्यर्थियों की CM से मांग, या तो उन्हें एक मौका दें या भीख मांगने के लिए कटोरा

कमल कृष्ण |

सरकार के बेरूखी से नाराज पोस्ट कोड 556 से अपात्र घोषित किए गए अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से उन्हें भीख मांगने के लिए कटोरा देने की मांग की है।  यह अभ्यर्थी पिछले 3 सालों से नौकरी के लिए आंदोलनरत हैं। बता दें कि कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के माध्यम से पोस्ट कोड 556 के तहत सैकड़ों पदों को भरने के लिए भर्ती प्रक्रिया 3 वर्ष पहले शुरू की गई थी लेकिन चयन से ठीक कुछ समय पहले ही निजी संस्थानों एवं संस्थाओं के माध्यम से कंप्यूटर डिप्लोमा करने वाले परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके 2400 के करीब अभ्यर्थियों को सरकार ने बाहर का रास्ता दिखा दिया था।

अब 3 साल तक आश्वासन देने के बाद इस पोस्ट कोड के तहत रिक्त पड़े 500 से अधिक पदों को सरकार पोस्टकोड 727 में मर्ज करने की योजना बना रही है जिसका अब यह अभ्यर्थी विरोध कर रहे हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि 3 साल तक उन्हें आश्वासन दिया गया अब या तो मुख्यमंत्री उनके हाथ में कटोरा पकड़ा दें ताकि वह भीख मांगने के साथ ही सरकार के झूठे आश्वासनों के प्रति लोगों को बता सकें। बुधवार को यह अभ्यर्थी मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने के लिए उपायुक्त हमीरपुर के कार्यालय में पहुंचे थे। युवाओं ने कहा कि मुख्यमंत्री उनके साथ-साथ सैकड़ों अभ्यर्थियों को एक मौका दें या उन्हें डाक के माध्यम से ही एक कटोरा भेज दें ताकि सरकार के झूठे आश्वासनों से वह लोगों को अवगत करवा सकें और भीख भी मांग पाएं।

बता दें कि परिणाम घोषित करने से एक या दो दिन पहले ही इन अभ्यर्थियों को अपात्र घोषित किया गया था। जिसके बाद यह मामला कोर्ट में चला गया था। कोर्ट की तरफ से निर्णय आया था कि सरकार चाहे तो इनको वन टाइम रिलैक्सेशन दे सकती है। विधानसभा में भी इस मामले को उठाया गया जिसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा था कि इन अभ्यर्थियों के बारे में विचार किया जा रहा है। लेकिन अब इस पोस्ट कोड के तहत अधिकतर खाली रहे पदों को पोस्ट कोड 727 में मर्ज करने की बात सामने आने पर यह अभ्यर्थी पूरी तरह से निराश हो चुके हैं।

अभ्यर्थियों ने डीसी के माध्यम से प्रदेश मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा है। उन्होंने अंतिम बार सरकार से यह मांग की है कि वह उन्हें एक मौका दें क्योंकि पिछले 3 सालों से वह इसी मौके के इंतजार में हैं। और हिमाचल में बिहार, यूपी के साथ नेपाल के लोगों को भर्ती कर हिमाचलियों के साथ बेइंसाफी की, और जो कमीशन पास कर आ रहे उनको अंतिम मौक़े पर रिजेक्ट कर रहे हैं।