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नहीं रहे जाने-माने शिक्षाविद और प्रशासक एआर चौहान

समाचार फर्स्ट डेस्क |

हिमाचल प्रदेश के जाने-माने शिक्षाविद, चिंतक और प्रशासक अनंतराम चौहान का देहांत हो गया है । शनिवार को एआर  चौहान की तबीयत अचानक  खराब होने पर परिजनों ने उन्हें इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया ।  तबीयत में सुधार नहीं होने पर एआर चौहान का रविवार सुबह चार बजे इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला में निधन हो गया।  एआर चौहान अपने पीछे पत्नी और दो पुत्र छोड़ गए हैं। इनका छोटा बेटा भारतीय सेना में ब्रिगेडियर के पद पर हैं  और बड़ा बेटा बागवान है।

एआर चौहान वर्तमान समय में एपीजी शिमला विश्वविद्यालय में बतौर विश्वविद्यालय सलाहकार के पद पर शिक्षा उन्नयन के लिए  अपनी सामाजिक और निःस्वार्थ सेवा दे रहे थे। एपीजी शिमला विश्वविद्यालय से पूर्व एआर चौहान हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के सत्रह-अठारह सालों तक रजिस्ट्रार रहे और उसके पश्चात देश के कई विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार और प्रतिकुलपति भी रहे। वे एक कुशल प्रशासक के साथ-साथ एक शिक्षाविद, कुशल नेतृत्व, कुशल प्रवक्ता और एक चिंतक होने के साथ साथ एक अच्छे सलाहकार भी थे। छोटे से लेकर बड़ों तक उनकी बातों को लोग ध्यान से सुनते थे और उन पर अमल भी करते थे। वे कई सामाजिक संगठनों खासकर वे क्वालिटी एडुकेशन पर अधिक बल देते थे और हमेशा शिक्षा की बेहतरी के लिए ताउम्र संघर्ष करते रहे। ए आर चौहान आखिरी वक़्त तक एपीजी शिमला विश्वविद्यालय में शिक्षा उन्नयन और गुणवता के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन और शिक्षकों और विद्यार्थियों को शिक्षा के प्रति अपने अनुभव और सलाह देते रहते थे कि एपीजी विश्वविद्यालय देश- प्रदेश में उच्च शिक्षा का एक बेहतर मॉडल बना रहे ताकि नव पीढ़ी को आगे बढ़ने के लिए सही शिक्षा व दिशा मिले। वे एपीजी शिमला विश्वविद्यालय को शिक्षा के क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश का एक उभरता विश्वविद्यालय मानते थे कि यही विश्वविद्यालय पहाड़ के लोगो को प्रोफेशनल एडुकेशन देकर उन्हें रोजगार व आत्मनिर्भर होने में सक्षम करवाएगा। एआर चौहान के अचानक निधन पर  एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के कुलपति, रजिस्ट्रार, स्टाफ मेम्बर, शिक्षकों और विद्यार्थियों ने गहरा शोक जताया है। कुलपति प्रो. रमेश कुमार चौधरी ने एआर चौहान के निधन पर गहरा शोक जताते हुए कहा कि एआर चौहान हर पीढ़ी के लोगों, छात्रों के लिए आदरणीय रहे।