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कानपुर पुलिस हमलाः जगह-जगह चिपकाए हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के पोस्टर, पुलिस भी कर रही तलाश

समाचार फर्स्ट डेस्क |

आठ पुलिस कर्मियों की हत्या में शामिल रहे हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे 72 घंटे बाद भी पुलिस पकड़ से दूर है, जिसे पकड़ने के लिए 900 पुलिस जवानों की साठ टीमें लगाई गई हैं। पुलिस ने मोस्टवांटेड विकास दुबे के पोस्टर टोल प्लाजा पर चस्पा कराए हैं। पुलिस अधिकारी रोजाना बिकरू गांव पहुंच रहे और घटना में शामिल विकास समेत सभी बदमाशों का आपराधिक इतिहास खंगाल रहे हैं। मोस्टवांटेड 2.5 के इनामी विकास दुबे के पोस्टर जगह जगह चिपकाए गए हैं। उन्नाव में पुलिस ने लखनऊ-कानपुर हाईवे पर अजगैन थाना क्षेत्र में टोल प्लाजा के हर बूथ पर इनामी अपराधी विकास दुबे का पोस्टर चिपकाए गए हैं। ताकि टोल बूथ पर वाहनों से गुजरने वाले भी उसकी पहचान कर सकें, वहीं टोल बूथों के हर कर्मी को प्रत्येक वाहन में सवार लोगों पर निगाह रखने की सलाह दी गई है।  

मोस्टवांटेड एक लाख के इनामी हिस्ट्रीशीटर बदमाश विकास दुबे को पकड़ने के लिए 60 टीमों में 900 पुलिस जवान लगाए गए हैं। आईजी मोहित अग्रवाल के मुताबिक मंडल स्तर पर पुलिस की 40 टीमों को लगाया गया है, जबकि मुख्यालय स्तर से भी 20 टीमों को मोस्टवांटेड विकास दुबे की तलाश में लगाया गया है। इसमें एसटीएफ की भी छह टीमें शामिल हैं। इस सर्च ऑपरेशन में करीब 900 पुलिस वाले प्रदेश और प्रदेश से बाहर हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की तलाश कर रहे हैं। मोस्ट वांटेड हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के साथ वारदात में शामिल रहे साथी दयाशंकर अग्निहोत्री उर्फ कल्लू को पुलिस ने पूछताछ की तो उसने बताया है कि घटना से चार घंटे पहले थाने से दबिश पड़ने की सूचना मिली थी। इसके बाद विकास ने असलहों से लैस तीस शॉर्प शूटरों को बुलवाया था।

बिकरू गांव में सीओ समेत आठ पुलिस जवानों की हत्या में अब तक की जांच में तीन पुलिस वाले मुखबिरी के शक में टारगेट पर थे, प्रथम दृष्टता जांच में ड्यूटी में लापरवाही किए जाने पर थाना चौबेपुर के उपनिरीक्षक कुंवर पाल और कृष्ण कुमार शर्मा तथा सिपाही राजीव को एसएसपी दिनेश कुमार पी ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। जानकारी के मुताबिक, चौबेपुर थाने के 65 पुलिस कर्मियों के साथ ही शिवली, शिवराजपुर और बिल्हौर थाने के 30 पुलिस कर्मियों के मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं। आइजी मोहित अग्रवाल ने बताया कि इस प्रकरण में जो भी पुलिस कर्मी घर का भेदी निकलेगा, उसके खिलाफ अपराधियों जैसा बर्ताव किया जाएगा। उनके खिलाफ हत्या की धाराओं में मुकदमा दर्ज होगा और उन्हें जेल भेजने में भी संकोच नहीं होगा।