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मंत्रिमंडल विस्तार से बढ़ जाएगी भाजपा की मुश्किलें, इसलिए मुख्यमंत्री बच रहे मंत्रिमंडल विस्तार से?

पी. चंद, शिमला |

हिमाचल प्रदेश में अनिल शर्मा, किशन कपूर और विपिन परमार के मंत्री पद से हटने के बाद तीन मंत्री पद ख़ाली चल रहे है। इन तीनों के पास महत्वपूर्ण विभाग थे। अनिल शर्मा के पास ऊर्जा, किशन कपूर के पास खाद्य आपूर्ति और विपिन परमार स्वास्थ्य विभाग संभाल रहे थे। इनमें से दो पद तो पिछले एक साल से खाली चल रहे है। लेकिन आजतक इन पदों को नहीं भरा जा सका है। जिसका खमियाजा भाजपा औऱ प्रदेश की जनता दोनों को भुगतना पड़ रहा है।

इन खाली पदों के भाजपा अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल को अपना पद खोना पड़ा। यदि स्वास्थ्य मंत्री पद संभाल रहे होते तो शायद स्वास्थ्य विभाग में इतने बड़े घोटाले नहीं होते। खाद्य आपूर्ति मंत्री न होने के चलते सस्ता राशन मिलने में उपभोक्ताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कभी डिपुओं में चीनी नहीं मिलती है तो कभी तेल नहीं मिला तो कभी दालें। ऊर्जा के क्षेत्र में हिमाचल अग्रणी राज्य है लेकिन परियोजनाएं अधर में लटकी है। साथ ही अधर में है इन परियोजनाओं से जुड़े लोग?

सब कुछ तय आलाकमान करता है। इसलिए मुख्यमंत्री इसमें शायद कुछ नहीं कर सकते इंतजार आलाकमान से हरी झंडी मिलने का रहता है। मुख्यमंत्री के हाथ में अपनी निज़ी सचिव को बदलना था बदल दिया। मुख्यमंत्री के वश में अपने सुरक्षा अफ़सर को बदलना था बदल दिया। अब मंत्रिमंडल विस्तार औऱ अध्यक्ष पद तो आलाकमान के हाथ में है इसलिए इंतज़ार लंबा हो रहा है।

उधर भाजपा में सुलग रही विरोध की चिंगारियां सुलग रही है। लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार तक इन चिंगारियों को पराली के नीचे दबा दिया गया है। मंत्रिमंडल विस्तार के बाद सरकार के लिए सिरदर्द ओर अधिक बढ़ सकती है। क्योंकि तीन मंत्री पदों के लिए कई विधायक आस पाले बैठे है। ऐसे में आने वाले दिन भाजपा सरकार के लिए काफ़ी चुनौती भरे रहने वाले हैं।