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शिमला में SFI का परिक्षाओं के लेकर प्रदेश शिक्षा निदेशालय के बाहर धरना प्रदर्शन

पी.चंद, शिमला |

शिमला में आज एसएफआई हिमाचल प्रदेश राज्य कमेटी के द्वारा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के परीक्षा सम्बन्धी निर्देशों के खिलाफ शिमला के प्रदेश शिक्षा निदेशालय के बाहर धरना  प्रदर्शन किया गया औऱ उसके बाद  एसएफआई का प्रतिनिधमंडल राज्य सचिव और राज्य अध्यक्ष के नेतृत्व में निदेशक महोदय से मिला।

एसएफआई राज्य कमेटी ने कहा कि  पिछले 1 महीने में देश भर के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या तेज रफ्तार के साथ बढ़ी है। और  इस महामारी के  कारण  छात्र जहां आज  मानसिक रूप पीड़ित है वहीं परीक्षाओं को लेकर चल रही असमंजस ने ओर अधिक चिंता बढ़ा दी है। अब जल्दबाजी में केंद्र सरकार UGC पर दबाव बनाकर इस भयंकर महामारी के समय परीक्षाओं को करवाने का फैसला छात्र समुदाय पर थोपना चाहती है।  जिसे बर्दाश्त नही किया जाएगा।

एसएफआई का मानना है कि प्रदेश सरकार औऱ विश्वविद्यालय प्रशासन परीक्षा सम्बन्धी मसले पर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए परीक्षाओं के रूप में महज औपचारिकता पूरी कर रही है। इन परिस्थितियों में प्रदेश के हालत को नजरअंदाज करते हुए UGC के इस छात्र विरोधी फरमान को लागू करना सरकार की नालायकी को भी दर्शाता है। पिछले दिनों कोरोना के खतरे को देखते हुए हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के साथ साथ सचिवालय तक को सील किया गया था। प्रदेश 11 ब्लॉक पूर्ण रूप से सील है , कई जिलों में बरसात के कारण आवाजाही ठप है। तो ऐसे में  अधिकतर छात्र इन परीक्षाओं का हिस्सा नही बन पाएंगे।

आज इस महामारी के प्रसार में हम  हिमाचल प्रदेश में भी गम्भीर स्थिति से गुजर रहे है प्रतिदिन 100 से अधिक कोरोना संक्रमितों के मामले सामने आ रहे है। लेकिन अगर परीक्षाएं होती है तो लाखो छात्र प्रदेश भर में इन परीक्षाओं का हिस्सा बनेगा। इसके साथ-साथ हजारो की संख्या में इन परीक्षाओं में शिक्षा विभाग के कर्मचारी भी शामिल होंगे, जिससे वायरस के फैलने की संभावना ओर अधिक बढ़ेगी। तो क्या ऐसे में प्रदेश सरकार उनकी सुरक्षा की जिम्मेवारी लेने को तैयार है। एसएफआई राज्य सचिव  ने कहा कि सरकार समय रहते इस जानलेवा वायरस के खतरे को समझते हुए सभी छात्रों को प्रोमोट करने का फैसला ले।

प्रदर्शन के बाद आज SFI ने अपना पांच सूत्रीय मांगपत्र उच्च शिक्षा निदेशक को सौंपा और मांग की है कि-
1)सरकार, MHRD और UGC परीक्षाओं सम्बन्धी अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करें। तथा सभी छात्रो को प्रमोट किया जाए
 2) शिक्षा में 18% GST के फैसले को प्रदेश सरकार शीघ्र वापिस लें।
3)सभी छात्रो की छात्रवृत्ति शीघ्र बहाल की जाए
4)सभी प्रतियोगी परीक्षाओं को शीघ्र स्थगित  किया जाए।
5)कोरोना महामारी के दौरान आर्थिक संकट से झूझ रहे छात्रों को विशेष भत्ता दिया जाए!

अगर सरकार छात्रों की इन जायज मांगो को शीघ्र हल नहीं करती है तो SFI जल्द ही प्रदेश भर से छात्रो को लामबद्ध करते हुए प्रदेश सचिवालय का घेराव करेगी