हिमाचल में इंसानियत अभी भी जिंदा हैं। ये हिमाचल के उस बेटे साबित कर दिखाया जिसने इस जमाने के अनुसार अपनी सोच को ढाला और एक ऐसा काम कर दिखाया जिसकी हर कोई सराहना कर रहा है। यहां एक सरमौरी लड़के ने एक विधवा से शादी रचाकर उससे जीवन भर साथ का वादा किया है।
दरअसल, मामला जिला के उपमंडल सराहां से जुड़ा है। कृषि एवं ग्रामीण बैंक में नौकरी करने वाले सिरमौरी बेटे सुनील ने सराहां के शिव मंदिर में पूजा के साथ अग्नि के सात फेरे लिए। मात्र 20 साल की छोटी सी उम्र में अपना पति खो चुकी पूजा का मायका मानगढ़ गांव में है। मगर उसके ससुराल पक्ष ने उसे अपनी बेटी मानकर उसकी विदाई दी। नेहरस्वार के लगांह गांव में ब्याही पूजा की एक बेटी भी है। सुनील ने उसे भी कानूनन गोद लेकर पिता का नाम दिया है।
11 जुलाई 2015 को पूजा के पति की एक सड़क हादसे में जान चली गई थी। पूजा की विदाई के समय उसके ससुर जागर सिंह की आंखे बार-बार भरी जा रही थी। उनका कहना था कि जब तक हम जिंदा हैं तब तक तो पूजा की देखभाल कर लेते लेकिन उसके बाद पूजा का क्या होता? दूसरी तरफ पूजा की सास का कहना है कि पूजा की दूसरी जिंदगी शुरू होते देख वे बेहद खुश हैं।
किसान के बेटे ने पेश की मिसाल
सिरमौर जिला की सराहां ग्राम पंचायत के आंजी सिवत गांव निवासी 26 वर्षीय सुनील किसान परिवार से है। बचपन में ही उनके सिर से पिता का साया उठ गया। उधर पूजा के पिता भी काफी पहले चल बसे हैं। सुनील ने बताया कि उनकी जान पहचान ज्यादा पुरानी नहीं है। सब कुछ एक महीने के अंदर हुआ।
भतीजी के माध्यम से हुई थी पहचान
पूजा की जान पहचान सुनील की भतीजी के माध्यम से हुई थी। शादी की बात चलाई तो मामूली जांच पड़ताल के बाद सभी सहमत हो गए। पूजा के ससुराल पक्ष को उसके साथ-साथ दो वर्षीय राधिका के भविष्य की भी चिंता सता रही थी, जिसे सुनील के इस निर्णय ने चुटकी में दूर कर दिया।
सुनील की 65 वर्षीय माता कमला देवी अपने बेटे के इस निर्णय से बेहद खुश हैं। उन्होंने कहा कि आज के जमाने में ऐसा होना मुश्किल है। उन्हें पूजा जैसी बहू मिली है साथ में राधिका के रूप में घर में लक्ष्मी आई है। उनके लिए यह बड़े ही सौभाग्य की बात है। वह पूजा को अपनी बेटी की तरह रखेंगी।