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कोरोना के चलते 9वीं से 12वीं कक्षाओं के पाठयक्रम में 30 फीसदी कटौती करने पर हो रहा विचार: शिक्षा मंत्री

डेस्क |

कोरोना काल के चलते शिक्षा विभाग सीबीएससी की तर्ज पर प्रदेश के स्कूलों में 9वीं से 12वीं कक्षाओं के पाठयक्रम 30 फीसदी की कटौती और प्रश्नपत्रों में 30 प्रतिशत अतिरिक्त विकल्प प्रदान करने के प्रावधान करने पर विचार कर रहा है। इस बात की जानकारी देते हुए शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर नेकहा कि इस संबंध में शिक्षाविदों और अभिभावकों से सुझाव मांगे जाएंगे। इसके पश्चात इस प्रणाली को मंत्रिमण्डल के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। यह बात शिक्षा मंत्री आज राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को प्रदेश सरकार द्वारा लागू किए जाने को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों से बैठक के दौरान कही। 

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने सदैव ही शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किया है और हिमाचल प्रदेश राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू करने में देशभर में बेहतरीन कार्य करेगा। उन्होंने अधिकारियों को एक टास्क फोर्स के गठन के निर्देश दिए, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े विशेषज्ञ, शिक्षाविद् शामिल होंगे जो प्रदेश में नई शिक्षा नीति को लागू करने सम्बन्धी रिपोर्ट तैयार करेगे। गोविन्द सिंह ठाकुर ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अन्तर्गत व्यवसायिक प्रशिक्षण के सम्बन्ध में प्रदेश सरकार द्वारा पहले से ही विद्यार्थियों को रोजगार उन्मुख शिक्षा प्रदान की जा रही है। मंत्रिमण्डल के समक्ष नई शिक्षा नीति के संबंध में प्रस्तुति प्रदान की जाएगी। नई शिक्षा नीति लागू होने के साथ ही देश से मैकॉले शिक्षा पद्धति की विदाई सुनिश्चित हो जाएगी।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि जल संर्वधन के प्रति विद्यार्थियों की भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से स्कूल शिक्षा बोर्ड शीघ्र ही प्रदेश में ‘जल संवर्धन योजना’ का शुभारम्भ करेगा। इस योजना के अन्तर्गत विद्यालयों में जल के भण्डारण के लिए टैंकों का निर्माण करवाया जाएगा। विद्यालयों में इस जल का उपयोग विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के लिए किया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने कोविड-19 की इस अवधि में विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करने की दिशा में बोर्ड द्वारा उन्हें घरद्वार पर किताबें उपलब्ध करवाने के प्रयासों की सराहना की।