जयराम सरकार ने एक वादा किया था कि एमरजेंसी के दौरान जेलों में रहे लोगों को सम्मान राशि पेंशन के तौर पर दी जाएगी। बाकायदा लोकतंत्र प्रहरी सम्मान योजना का ऐलान किया गया। अब यही सरकारी वादा भाजपा के वरिष्ठ नेता शांता कुमार के लिए भी तंज का सामान बन गया है। सरकार अपने वादे को निभा नहीं रही और एमरजेंसी के खिलाफ लड़ने वाले सरकार के खिलाफ खड़ा होने शुरू हो गए हैं। सरेआम साफ आरोप लगाया जा रहा है कि जिनकी वजह से पहचान मिली उनको ही पहचानने से इनकार किया जा रहा है। पेंशन देने के नाम पर सिर्फ ठगा जा रहा है। आज तक पेंशन के नाम पर धेला तक नहीं मिला है।
इसी गुस्से के शिकार एक लोकतंत्र प्रहरी की भूमिका में जेल यात्रा करने वाले धर्मशाला से दिव्यांग राजिंदर अग्रवाल और राजू भाई के नाम से मशहूर ने मोर्चा खोल दिया है। राजिंदर अग्रवाल ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार हमें बेवकूफ बना रही है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ऐलान किया था कि एमरजेंसी के दौरान जेलों में रहे लोगों को 12 हजार महीना पेंशन दी जाएगी। सरकार ने हमारे लिए कोई योजना लागू नहीं की। हम 4 महीने तक इमरजेंसी के दौरान जेल में बंद रहे थे। उन्होंने खुद इस बात की घोषणा की थी हम उनके पास भीख मांगने नहीं गए थे।
उन्होंने कहा कि अगर योजना का लागू नहीं करना था तो फिर इसकी घोषणा क्यों की। अगर यही हाल रहा तो हम पार्टी छोड़ने पर मजबूर हो जाएगें। साथ ही उन्होंने इमरजेंसी कमेटी के सदस्यों से भी त्याग पत्र देने की मांग की है।