कुल्लू के वरिष्ठ अधिवक्ता चुनेश्वर ठाकुर के खिलाफ बदले की भावना से कार्यवाही करने पर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश सरकार और कुल्लू पुलिस की कार्यवाही की निंदा की है। सुक्खू ने कहा कि हाल ही में वरिष्ठ अधिवक्ता चुनेश्वर ठाकुर ने कोरोना संक्रमण काल में कोरोना पीड़ित फौजी और उसके परिवार के हक में प्रदेश सरकार और कुल्लू पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कुल्लू पुलिस के मुख्यालय के सामने धरना किया था जिससे प्रदेश सरकार और कुल्लू पुलिस की किरकिरी हुई थी।
सुक्खू ने कहा कि वरिष्ठ अधिवक्ता की आवाज दबाने के लिए धारा 354 ए का सहारा लिया गया। उनपर महिला यौन उत्पीडन का मामला लगा दिया गया और जेल में भी अधिवक्ता के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया। देव भूमि हिमाचल प्रदेश में कुल्लू पुलिस उत्तर प्रदेश और बिहार की पुलिस की तरह दबंगई पर उतर आई है। उन्होंने कहा कि अगर कुल्लू पुलिस के पास पुलिस की महिला कर्मचारी के खिलाफ यौन उत्पीड़न का कोई सबूत है तो उसे सार्वजनिक करें अन्यथा ऐसी गंभीर धाराओं को वरिष्ठ अधिवक्ता के ऊपर से हटाई जाएं।
उन्होंने कहा कि सभ्य तरीके से तर्क वितर्क करना सब का मौलिक अधिकार है । कुल्लू पुलिस को चाहिए कि भाजपा कार्यकर्ता बनकर कार्य न करें और सही को सही और गलत को गलत ठहराया जाए। विधायक सुक्खू ने चिंता जताई कि जयराम सरकार में जो व्यक्ति कानून जानता और समझता हो उसके साथ ही ऐसा व्यवहार किया जा रहा हो तो आम व्यक्ति न्याय की उम्मीद कैसे कर सकता है।