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मोदी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट सेंट्रल विस्टा को सुप्रीम कोर्ट ने दिखाई हरी झंडी

समाचार फर्स्ट डेस्क |

मोदी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट सेंट्रल विस्टा को सुप्रीम कोर्ट ने हरी झंडी दे दी है। इस प्रोजेक्ट के तहत संसद की नई इमारत बनाई जाएगी। इसके खिलाफ कई याचिकाएं दायर हुई थीं। कोर्ट ने पर्यावरण कमेटी की रिपोर्ट को भी नियमों को अनुरुप माना है। कोर्ट ने लैंड यूज चेंज करने के आरोप के कारण से सेंट्रल विस्टा की वैधता पर सवाल खड़े करने वाली याचिका को फिलहाल लंबित रखा है।

इस मसले पर न्यायधीश एएम खानविल्कर, दिनेश माहेश्वरी और संजीव खन्ना की तीन जजों की बेंच ने आज अपना फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि हम सेंट्रल विस्टा परियोजना को मंजूरी देते समय पर्यावरण मंत्रालय द्वारा दी गई सिफारिशों को बरकरार रखते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निर्माण कार्य शुरू करने के लिए धरोहर संरक्षण समिति की स्वीकृति आवश्यक है।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में केंद्र सरकार से कहा कि निर्माण शुरू करने से पहले सरकार हेरिटेज कंजर्वेशन कमेटी की मंजूरी ले। तीन जजों की बेंच में फैसला 2/1 के बहुमत में है। जस्टिस संजीव खन्ना ने कुछ बिंदुओं पर अलग विचार रखे हैं। उन्होंने प्रोजेक्ट की तरफदारी की है, लेकिन लैंड यूज में बदलाव से सहमत नहीं हैं। उनका मानना है कि यह परियोजना शुरू करने से पहले हेरिटेज कंजर्वेशन कमेटी की मंजूरी लेनी जरूरी थी। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर 2020 को नई संसद की आधारशिला रखी थी। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि उसे शिलान्यास करने पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक कोई निर्माण, तोड़फोड़ या पेड़ गिराने या स्थानांतरित करने का काम ना हो। अब सुप्रीम कोर्ट लैंड यूज मामले में सुनवाई करेगा।