रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने मानव रहित, रिमोट से संचालित टैंक विकसित किया है। ये टैंक सर्विलांस, बारूदी सुरंग खोजने और जिन इलाकों में न्यूक्लियर और जैविक हमलों के खतरों का सर्वेक्षण करने में सक्षम है। इस टैंक को MUNTRA नाम दिया गया है। ये टैंक देश का पहला मानवरहित टैंक है।
इस टैंक को कॉम्बैट वीइकल्स रिसर्च ऐंड डिवेलपमेंट इस्टैबलिशमेंट (CVRDE) इसे बनाया है और सेना के लिए इसका परीक्षण किया है लेकिन पैरामिलिटरी फोर्स ने इस टैंक को नक्सल प्रभावित इलाकों में इस्तेमाल करने की इच्छा जाहिर की है। हालांकि, उन्होंने इसमें कुछ बदलावों की बात भी कही है।
तीन तरह के हैं ये टैंक:
MUNTRA-S का निर्माण जमीन पर मानवरहित निगरानी मिशन, MUNTRA-M सुरंग का पता लगाने और MUNTRA-N ऐसे इलाकों का पता लगाने के लिए है, जहां परमाणु या जैविक हथियारों का जोखिम होता है।
बख्तरबंद टैंक की तरह डिजाइन किए गए रिमोट से ऑपरेट होने वाले ये टैंक अवाडी में साइंस फॉर सोल्जर्स नाम की प्रदर्शनी में डिस्प्ले में रखे गए हैं। यह प्रदर्शनी DRDO ने पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित की है।