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ज्वालामुखी शक्तिपीठ में गुप्त नवरात्र का विशेष आयोजन, मां का प्रकटोत्सव मनाया जाएगा

मृत्युंजय पुरी |

शक्तिपीठ जवालामुखी में  गुप्त नवरात्र का विशेष आयोजन शुरू होगा। नौ दिन तक चलने वाले इन नवरात्र में पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है, जबकि इसी तरह  आगामी दिनों में मां ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यानी, कालरात्रि, महागौरी और अंतिम दिन सिद्धिरात्रि की पूजा की जाती है। ज्‍वालामुखी माता की हजारों साल से पीढ़ी दर पीढ़ी पूजा अर्चना करने वाले पुजारी वर्ग के अनुसार साल में दो बार आयोजित होने वाले गुप्त नवरात्र का विशेष महत्व रहता है। इन दिनों में की गई मां की अराधना का लाखों गुणा अधिक फल मिलता है।

फरवरी और जून महीने में होने वाले गुप्त नवरात्र इसलिए भी विशेष हैं, क्योंकि दोनों में मां का प्रकटोत्सव मनाया जाता है। इन नवरात्र के बाद कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन ज्‍वालामुखी माता के मूर्ति रूप का प्रकटोत्सव मनाया जाता है, जबकि जून महीने में मनाए जाने वाले गुप्त नवरात्र में शुक्ल पक्ष की अष्टमी के दिन माता के ज्योति रूप का जन्मदिन मनाया जाता है।

 मां के जन्मोत्सव से पहले किए जाने वाले अनुष्ठान में विश्व कल्याण के संकल्प के साथ गणपति, गायत्री और माता ज्‍वालामुखी के मूल मंत्र सहित सप्तचंडी पाठ, चौसंठ योगनी पूजन, नित्य षोडशोपचार पूजन किया जाता है। ज्वालामुखी माता के 100 के करीब ब्राह्मण शुक्रवार से ही गुप्त नवरात्र के उपलक्ष्य में विशेष पूजा के लिए बैठेंगे।