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उत्तराखंड हादसे में अब तक 38 शव बरामद, 12 की हुई शिनाख्त

समाचार फर्स्ट डेस्क |

उत्तराखंड में 7 फरवरी को ग्लेशियर टूटने से आई आपदा ने काफी कहर बरपाया। कई लोग घर से बेघर हो गए हैं। यहां के चमोली जिले के तपोवन में एनटीपीसी के निर्माणाधीन हाइड्रो प्रोजेक्ट की टनल में फंसे 34 व्यक्तियों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन सातवें दिन भी जारी है। इससे पहले छठे दिन कुछ हद तक टीम को कामयाबी हासिल हुई। मुख्य टनल के नीचे 12 मीटर गहराई पर स्थित सिल्ट फ्लशिंग टनल (एसएफटी) तक ड्रिलिंग कर दी गई है। हालांकि, इस मशक्कत के दौरान ड्रिलिंग मशीन की बिट टूटने से रेस्क्यू में बाधा आई।  

चमोली के रेणी और तपोवन क्षेत्र में आई आपदा में सभी तक कुल 38 शव और 18 मानव अंग अलग-अलग स्थानों से बरामद किए गए हैं, जिसमें जनपद चमोली में 30 शव और 18 मानव अंग, जनपद रुद्रप्रयाग में छह शव, जनपद पौड़ी में एक शव और जनपद टिहरी गढ़वाल में एक  शव बरामद किए गए हैं। बरामद 12 शवों और एक मानव अंग की शिनाख्त की जा चुकी है। जिन शवों की शिनाख्त नहीं हो पाई है उन सभी का डीएनए संरक्षित रख लिया है। कोतवाली जोशीमठ पर अभी तक 14 व्यक्तियों की गुमशुदगी दर्ज की जा चुकी है और 41 परिजनों के डीएनए संरक्षित किए जा चुके हैं। शवों को नियमानुसार डिस्पोजल करने के लिए गठित कमेटी द्वारा नियमानुसार 72 घंटे के बाद शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है।

आपको बता दें कि इस आपदा के चलते ऋषिगंगा और धौली गंगा में उफान आ गया था। आपदा में लापता हुए 204 व्यक्तियों में से 38 के शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि 166 अब भी लापता हैं। नेवी कमांडो, एसडीआरएफ, पुलिस रैणी से श्रीनगर डैम तक सर्च ऑपरेशन लगातार जारी है। इसके साथ ही तपोवन-विष्णुगाड हाइड्रो प्रोजेक्ट की टनल में भी राहत-बचाव कार्य जारी है। उन्हें बचाने के लिए कई विकल्पों पर एक साथ काम किया जा रहा है।