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शिमला: छात्र संघ ने पुलवामा हमले की जांच की मांग की, कृषि कानूनों को वापस लेने को कहा

पी. चंद |

एसएफआई शिमला जिला कमेटी के आह्वान पर शिमला जिला के सभी कॉलेज में एसएफआई ने पुलवामा में मारे गए शहीदों को लेकर श्रद्धांजलि दी और किसान आंदोलन को लेकर धरना प्रदर्शन किया। कमेटी ने कहा कि 14 फरवरी 2019 को देश के अंदर पुलवामा में CRPF के जवानों पर आतंकी हमला हुआ था, जिसमें हमारे 44 जवान शहीद हुए थे। देश कि सरकार ने शहीद हुए जवानों के परिवार से किये गए वादों को पूरा न करने पर प्रदेश और राज्य सरकार को वादे याद दिलाने और उनको पूरा करने के लिए प्रदर्शन किया जा रहा है।

प्रदर्शन निम्न मांगों को लेकर करें:-

  • पुलवामा हमले की न्यायिक  जांच करवाई जाए ।
  • CRPF के शहीद हुए जवानों को शहीद का दर्जा दिया जाए ।
  • CRPF के जवानों को पेंशन की सुविधा दी जाए ।
  • CAA-NRC के नाम पर देश को बांटना बंद करो।
  •  पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों के परिवारों को सरकार द्वारा किये गए सभी वादों को पूरा किया जाए।
  • तीनों काले कृषि कानूनों को वापस लो।

एसएफआई शिमला जिला अध्यक्ष ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि देश कि मोदी सरकार सेना के नाम पर राजनीति कर देश के अंदर सता सीन हुई है। दूसरी तरफ हम देखते की मोदी सरकार ने शहीदों के परिवारों से को वादा किया गया था उससे आज भी पूरा नहीं किया गया है। देश का अन्नदाता किसान मोदी सरकार के काले कानूनों को लेकर दिल्ली के बॉडर पर लगभग 85 दिनों से देश कि मोदी सरकार के खिलाफ लड़ रहे है । यही मोदी सरकार किसानों और जवानों के नाम पर अपनी राजनीतिक फयादा लेने का काम करती आई है लेकिन आज जब किसान आंदोलन कर रहा है तो उसको जवानों के साथ लड़ाया जा रहा है ।