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लाहौल-स्पीति: चिचिम गांव में मनाया स्नो फेस्टिवल, बर्फ से बनी कलाकृतियां रही आकर्षण का केंद्र

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स्नो फेस्टिवल के तहत किब्बर पंचायत के चिचिम गांव में कार्यक्रम का आयोजन किया गया । इस मौके पर मंत्री डॉ. राम लाल मारकंडा ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। स्थानीय लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यातिथि डा राम लाल मारकंडा ने कहा कि स्नो फेस्टिवल को त्यौहारों का त्यौहार की तरह मनाया जा रहा है। इस त्यौहार में पारम्परिक पद्वति को आगे लेकर जाना है। दा- छाडः की शुरूआत यहां की गई है। पिछले कई सालों से दा- छाडः मनाया जा रहा है।

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि हमारा उदेश्य अपनी संस्कृति को पर्यटन से जोड़ना है। ताकि लोगों की आर्थिकी मजबूत हो सके। लोगों की आय में वृद्वि हो सके। हमें अपनी संस्कृति से दूर नहीं भागना है । बल्कि इसका प्रचार प्रसार करके अपना रोजगार पैदा करना है। लाहौल स्पीति में बड़ी धूमधाम से इस फेस्टिवल को मनाया जा रहा है। मेरा आप सभी से निवेदन है कि अपने घर पुरानी पद्वति को अपनाते हुए मिटटी से बनाए जाए ताकि संस्कृति भी जीवित रहे।

कार्यक्रम में बर्फ से कई तरह की कलाकृतयां बनाई गई थी। इसमें मुख्यतौर पर बुद्ध प्रतिमा, रेड फोक्स, आईवेक्स, ब्लू शीप बनाए गए थे। कार्यक्रम में पांरम्परिक पत्थर के बर्तनों की प्रदर्शनी लगाई गई थी। इन बर्तनों का इस्तेमाल आज भी लोग करते आ रहे है। जौ से शराब पारम्परिक तरीके से किस तरह बनाई जाती है । इसके बारे में प्रर्दशनी में बताया गया।

ये कार्यक्रम किए पेश

स्नो फेस्टिवल के तहत चिचिम में आयोजित कार्यक्रम के दौरान विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गई। इनमें छिंगफूद देवता के माध्यम से प्रस्तुति दी गई। तीरंदाजी प्रतियोगिता रही जोकि आकर्षण का केंद्र रही। इसके साथ ही टशी नृत्य महिलाओं द्वारा दिया गया। गाहर नृत्य पुरूषों के द्वारा पेश किया गया। शैला मूडुक चीक ला ला महिलाओं द्वारा प्रस्तुत किया गया।