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‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत DC ने लोगों को बेटा-बेटी में भेदभाव न करने की दिलाई शपथ

पी. चंद, शिमला |

उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी ने आज रामपुर उपमण्डल के अति दुर्गम पंचायत काशापाट के पंचायत घर पाट में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के तहत विशेष अभियान कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए समावेशी समाज में बेटियों के महत्व पर प्रकाश डाला और स्थानीय ग्रामीणों से सीधा संवाद स्थापित किया। उन्होंने लिंग अनुपात और बेटियों की शिक्षा तथा सामाजिक संतुलन में उनके अभूतपूर्व योगदान की सराहना की तथा आधुनिक युग में समानता एवं शिक्षा के अहम योगदान पर बेटियों की प्रशंसा की।

उन्होंने समस्त समाज से अनुरोध किया कि बेटा-बेटी में किसी भी तरह का भेदभाव न करें और समाज में बेटियों के उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें प्रोत्साहित करें ताकि समाज में सकारात्मक संदेश पहुंच सके। उन्होंने महिलाओं औऱ किशोरियों के लिए चलाई जा रही जन कल्याणकारी नीतियों एवं कार्यक्रमों पर विस्तृत चर्चा की और लोगों से आह्वान किया कि वे कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ लोगों को जागरूक करें। उन्होंने इस कार्य के लिए पंचायत प्रतिनिधियों से सहयोग की अपील की। उन्होंने बेटियों को बचाने के लिए जानकारी और जागरूकता लाने के लिए समाज के प्रत्येक वर्ग से सहयोग की अपील की।

उन्होंने पोषण अभियान को व्यापकता प्रदान करने के लिए भी कार्यक्रम के तहत महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। शिविर में उपस्थित महिलाओं को बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के तहत समान लिंगानुपात और बेटा-बेटी में भेदभाव न करने की उन्होंने शपथ भी दिलाई। इस अवसर पर उपायुक्त ने नन्ही बालिकाओं माहिरा, सृष्टि, मानवी को जिला प्रशासन की ओर से हस्ताक्षर अभियान और बेबी किट और माहिरा का अन्नप्रशान भी करवाया। इस दौरान 0 से 5 वर्ष के 10 बच्चों का वजन एवं लम्बाई भी मापी। इस दौरान उन्होंने काशापाठ में एक बूटा बेटी के नाम भी लगाया। उन्होंने इस अवसर पर लोगों की समस्याएं भी सुनी और उनके जल्द निवारण के लिए आश्वासन दिया।