हिमाचल प्रदेश में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के दावे किए जाते हैं, लेकिन धरातल में ये कितने सही उतरते हैं, इनके बारे में वे लोग बेहतर जानते हैं, जिन्हें बीमार होने पर समय पर स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पाती। आज भी हालत ऐसे हैं कि अधिकांश अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी है और मरीज इलाज के लिए इधर-उधर भटकते हैं।
टेस्ट करवाने के लिए निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ता है। कई अस्पतालों में मशीनें हैं, लेकिन उनको चलाने वाले नहीं है। कुल मिला कर कहें तो स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ लोगों तक नहीं पहुंच रहा है। ऐसे ही एक स्वास्थ्य केंद्र के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं। यह स्वास्थ्य केंद्र जिला कांगड़ा के उपमंडल फतेहपुर के रे का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC Rey) है।
इस स्वास्थ्य केंद्र में छुट्टी के दिन ताला लटका मिलता है। वैसे तो इस अस्पताल में 24 घंटे स्वास्थ्य सुविधा मिलनी चाहिए, लेकिन अस्पताल का गेट शाम चार बजे बंद हो जाता है। इस अस्पताल का दर्जा बढ़ाए पांच साल बीत गए हैं, लेकिन पूरा स्टाफ अभी तक तैनात नहीं किया गया है। अभी यहां पर दो एमबीबीएस और एक डेंटल डॉक्टर तैनात है, लेकिन शाम के समय व रात को यहां कोई नहीं मिलता।
डॉक्टरों और अस्पताल के स्टाफ के रहने के लिए आवास भी बनाए गए है, लेकिन यहां रहता कोई नहीं है। ये भवन अब कबूतरों का डेरा बन गया है। विभाग की मानें तो स्टाफ कम होने के कारण अस्पताल रात को बंद रहता है। हाल यह है कि लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए पंजाब या निजी अस्पताल का रुख करना पड़ता है। वहीं, रे पंचायत की प्रधान ऊषा देवी और अन्य ने भी सरकार व विभाग के विरुद्ध रोष जताते हुए अस्पताल में 24 घंटे सेवा उपलब्ध करवाने की मांग की है। उधर, सीएमओ कांगड़ा गुरदर्शन गुप्ता का कहना है कि स्टाफ कम होने से वहां पर 24 घंटे स्वास्थ्य सेवाएं शुरू नहीं हो पाई हैं।