अपनी मांगों को लेकर हिमाचल प्रदेश करुणामूलक संघ ने विधानसभा के बाहर धरना दिया और सरकार से करुणामूलक आश्रितों को जल्द नौकरी देने की मांग की है। आश्रितों ने अनुकंपा के आधार पर दी जाने वाली नौकरियों में आय सीमा को हटाने की मांग की है, साथ ही वन टाइम सैटेलमैंट के माध्यम से विभिन्न विभागों में लंबित करुणामूलक के मामलों का जल्द निपटारा करने और 5 फीसदी कोटे की शर्त हटाए जाने की मांग भी उठाई, जिससे कि आश्रितों को परिवार का गुजारा करने में मदद मिल सके।
करुणामूलक संघ के अध्यक्ष अजय कुमार ने बताया कि आश्रित लंबे अरसे से करुणामूलक आधार पर भर्तियां करने की मांग कर रहे हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री के समक्ष कई बार ये मामला उठाया गया। विधायकों और मंत्रियों से मिलकर भी संघ ने अपनी मांगों को सरकार के समक्ष उठाया लेकिन हर बार आश्रितों को केवल आश्वासन ही मिला है, ऐसे में मजबूरन करुणामूलक आश्रितों को विधानसभा का घेराव करना पड़ा है।
उन्होंने कहा कि करुणामूल्क के लिए 4500 परिवार नोकरी का इंतजार कर रहे हैं जिनके साढ़े चार लाख वोटर हैं। यदि उनकी मांगे नहीं मानी तो सरकार को उनके वोटों से हाथ धोना पड़ेगा। मांगे पूरी न होने की स्थिति में संघ ने एक माह के बाद परिवार सहित आंदोलन तेज़ करने की चेतावनी दी है।