Follow Us:

शिमला: मालिकाना हक़ को लेकर विधानसभा के बाहर गरजे चकौता धारक, मुज्यारा एक्ट वापस लेने की मांग

पी. चंद |

50 सालों से मालिकाना हक के लिए लड़ाई लड़ रहे हिमाचल के 5 लाख 58 हज़ार 672 किसानों ने आज हिमाचल विधानसभा का घेराव किया। लघु किसान कल्याण एकता के बैनर तले विधानसभा के बाहर जुटे किसानों ने यहां तक कह दिया कि यदि उन्हें सरकार मालिकाना हक नहीं दे सकती है तो उन्हें वापस पंजाब में मिला दिया जाए। किसानों ने मुज़्यारा एक्ट को वापस लेने की मांग उठाई व चकौता धारकों को उनकी जमीनों का मालिकाना हक देने की जोरदार मांग उठाई।

लघु किसान कल्याण एकता हिमाचल के प्रभारी कांति प्रकाश ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा, सोलन, ऊना और शिमला ग्रामीण को मिलाया गया तो किसानों के पास जमीन थी जो पंचायतों द्वारा आवंटित की गई थी। बाद में शक्तियां पंचायतों से राजस्व में चली गई। हिमाचल में ऐसे पांच लाख से ज़्यादा किसान हैं जिनको आज तक मालिकाना हक नहीं मिला। इनमें 40 हज़ार अकेले सोलन जिला के किसान हैं। जो हिमाचल बनने के 50 साल बाद भी मालिकाना हक की लड़ाई लड़ रहे हैं।

सरकार ने 2015 में अधिसूचना जारी की जिसके मुताबिक 5 बिघा से ज्यादा जमीन वाले भूमि मालिकों को जो उनके पास अतिरिक्त जमीन है लीज मनी पर दी जाएगी। जिसके लिए 50 हज़ार मनी 10 साल के लिए देने का प्रावधान रखा गया है। किसान अपनी ही जमीन की लीज मनी क्यों देंगे वह कोई पाकिस्तान से नहीं आए हैं। यदि सरकार उनको मालिकाना नहीं दे सकती है तो उनको वापस पंजाब में मिला दिया जाए।