प्रदेश में चार नगर निगमों में चुनाव का बिगुल बज चुका है। चूंकि चुनाव पार्टी चिह्नों पर हो रहे हैं ऐसे में प्रदेश के दो प्रमुख दलों भाजपा कांग्रेस को उम्मीदवारों के चयन में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। यदि पार्टी चिह्नों पर चुनाव न होते तो एक ही दल से संबंधित व एक समान विचारधारा के उम्मीदवारों की बीच मुकाबले की स्थिति विजेता को अपना होने का दावा ठोक कर दल अपनी सत्ता कायम करने की कोशिश करते। एक तरह से यह परंपरा ही बन चुकी है। इस बार भाजपा कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी भी इन चुनावों में कूद गई है जो एक अलग से सिरदर्द इन दोनों प्रमुख दलों के लिए हो सकता है। लगभग हर वार्ड से कई कई उम्मीदवार एक ही दल से संबंधित टिकट की लाइन में ऐसे में राजनीतिक दलों के लिए टिकटों का चयन टेडी खीर हो गया है क्योंकि वंचित रहने वालों के आक्रोश से दल डरे हुए हैं।
सोमवार से नामांकन दाखिल होने हैं, समय कम बचा है। जहां तक भाजपा की बात है उसने नगर निगम चुनावों को लेकर काफी पहले से ही कसरत शुरू कर रखी है और उम्मीदवारों के चयन में भी वह पहल करना चाहती है। इसी क्रम में मंगलवार को होटल राजमहल में मुख्यमंत्री के ओएसडी शिशु धर्मा की अगुवाई में एक अहम बैठक टिकटों को लेकर हुई। इस बैठक में वार्ड स्तर पर तैनात किए गए प्रभारियों से फीडबैक लेकर पैनल तैयार किए गए जिन्हें अब हाइकमान को भेज कर वहां से नाम फाइनल करने की बात की जा रही है।
बताया जा रहा है कि यह पैनल बंद लिफाफे में डालकर भेजे गए हैं ताकि किसी तरह ये समय से पहले जगजाहिर न हों। माना जा रहा है कि शनिवार तक भाजपा अपने उम्मीदवार तय कर देगी। कांग्रेस उम्मीदवारों को लेकर भी अभी तक संस्पैंस बना हुआ है। हो सकता है इनकी घोषणा भाजपा की सूची के बाद ही हो। आम आदमी पार्टी भी सक्रिय है और मुकाबले को रोचक बनाने की कोशिश में जुटी है। भाजपा के जिला प्रधान रणवीर सिंह सेन ने टिकटों के बैठक होने की पुष्टि करते हुए यह भी सपष्ट किया कि पैनल बनाकर प्रदेश हाइकमान को भेजे गए हैं अब वहां से नाम फाइनल होंगे।