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संयुक्त किसान मंच ने कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर राज्यपाल के माध्यम से PM को सौंपा ज्ञापन

पी. चंद, शिमला |

संयुक्त किसान मंच हिमाचल प्रदेश (प्रमुख किसान संगठनो का संयुक्त मंच) किसानों बागवानों की समस्याओं को लेकर राज्यपाल के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपा। हिमाचल किसान सभा, हिमाचल फल फूल उत्पादक संघ सहित अन्य किसानों से जुड़े संघठन ज्ञापन देने के लिए राजभवन पहुंचे। किसानों की मांगों को लेकर सिरमौर जिला में 7 अप्रैल को महापंचायत रखी है जिसमें प्रदेश भर के किसान जुटेंगे।

हिमाचल किसान सभा के अध्यक्ष कुलदीप तंवर ने बताया कि तीन कृषि कानून देश के किसानों के हित में नहीं है। हिमाचल के किसानों बागवानों को भी इससे भारी नुकसान होगा। एक तो समर्थन मूल्य के ख़त्म होने से किसानों की रीढ़ टूट जाएगी दूसरा निज़ी हाथों में जाने से किसान बागवानों की रीढ़ टूट जाएगी। उन्होंने बताया कि 7 अप्रैल को सिरमौर में होने वाली महापंचायत में बड़े आंदोलन की नींव रखी जायेगी।

उधर हिमाचल फल फूल उत्पादक संघ में अध्यक्ष हरीश चौहान ने बताया कि कृषि कानूनों की वजह से सेब का मूल्य निज़ी हाथों पर निर्भर करेगा। हिमाचल का सेब विदेश के सेब का मुक़ाबला नहीं कर पाएगा। क्योंकि चीन और ईरान का सेब सस्ता मिलता है। इसलिए सेब पर आयात शुल्क 100 फ़ीसदी किया जाए।