Follow Us:

कांगड़ाः तियारा अस्पताल को CHC का दर्जा न मिलने पर गुस्से में लोग, विरोध में भजन कीर्तन के साथ धरने पर बैठे

मृत्युंजय पुरी |

ये भजन कीर्तन किसी मंदिर में नहीं हो रहा ये कांगड़ा जिला के तियारा गांव में हो रहा है जहां के लोग आज 8 दिन से सरकार के खिलाफ अस्पताल (पीएचसी) के बाहर धरने पर बैठे हैं और सरकार का विरोध कर रहे हैं। आपको बता दें कि दो मुख्यमंत्रियों की घोषणा पर भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) तियारा को सामुदायिक स्वास्थ केंद्र (सीएचसी) सीएचसी का दर्जा न मिलने से लोग गुस्से में हैं। इसके चलते आसपास के 45 गांवों के करीब 39 हजार की आबादी को स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा है।

इस कारण लगातार 8 दिन से लोग भूख हड़ताल पर अस्पताल के बाहर बैठे हैं। लेकिन इनकी किसी ने सुध तक नहीं ली है। आज से ग्रामीणों ने आमरण अनशन पर बैठने का फैसला ले लिया है साथ ही सरकार को चेताया है कि अगर मांगे पूरी नहीं हुई और किसी भी व्यक्ति को इस दौरान कुछ होता है तो उसका दाह संस्कार अस्पताल प्रांगण में किया जाएगा और जनता किसी भी सरकार के नुमाइंदे की नहीं सुनेगी।

जानकारी के मुताबिक वर्ष 2007 और 2015 में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने तियारा पीएचसी को सीएचसी में स्तरोन्नत करने की घोषणा की थी। इसके बाद 2020 में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी इसी घोषणा को दोहराया। दो मुख्यमंत्रियों की तीन बार घोषणा के बावजूद तियारा को आज तक मौएचसी का दर्जा नहीं मिल सका है। लोगों ने बताया कि तियारा पीएचसी प्रदेश का एकमात्र ऐसा स्वास्थ्य केंद्र है, जिसके नाम 90 कनात की जमीन है। स्वास्थ्य विभाग ने खराब पड़ों एंबुलेंस को यहा खड़ा कर कबाड़खाना बनाकर रख दिया है। यहां के मनकोटिया परिवार ने क्षेत्रवासियों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए यह भूमि दान की है ।

जिला परिषद सदस्य जोगिंदर ठाकुर (पंकु) ने कहा कि सरकार द्वारा की गई घोषणाओं की पूरा करने की मांग पर हम बैठे हैं। पीएचसी से सीएचसी का दर्जा जिनकी घोषणा सरकार ने खुद की है। एक एम्बुलेंस की मांग और सभी स्टाफ की तैनाती की मांग की जा रही है अगर सरकार ने मांगो को नही माना तो 30 मार्च को 100 लोग अपना मुंडन करवाएंगे और सरकार के खिलाफ शव यात्रा निकाली जाएगी।