धर्मशाला के चुनाव में जीत के लिए जंग तेज हो गई है। नगर निगम के पहले चार वार्डो में से तीन में पूर्व पार्षद किस्मत आजमा रहे हैं। इनमें से दो पार्टी की टिकट तो एक बतौर आजाद रणभूमि में उतरा है। फरसेटगंज, भागसूनाग और मैक्लोडगंज में भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों के खिलाफ अपने ही बागी कड़ी टक्कर दे रहे हैं। वार्ड तीन मैक्लोडगंज में मुकाबला काफी रोचक है। यहां से पूर्व उपमहापौर ओंकार नैहरिया भाजपा और पूर्व में कांग्रेस समर्थित पार्षद रहीं माया देवी आजाद रूप से चुनाव लड़ रही हैं।
कांग्रेस ने अजीत नैहरिया को टिकट दी है। इसी वार्ड से भाजपा से छिटके तीन और बतौर आजाद खड़े हुए हैं। ओंकार का अपना वार्ड दो भागसूनाग आरक्षित हो गया है, ऐसे में भाजपा ने उन्हें वार्ड तीन मैक्लोडगंज से टिकट दी है। वार्ड एक फरसेटगंज से कांग्रेस से पूर्व में रहे रणधीर सिंह की जगह पर उनकी रिश्तेदार सुधा राणा पर कांग्रेस ने दांव खेला है। वहीं भाजपा ने रेखा देवी के रूप में नया चेहरा दिया है। यह वार्ड महिला के आरक्षित है। यहां कांग्रेस व भाजपा सहित कुल पांच महिलाएं मैदान में हैं।
वार्ड दो भागसूनाग से ओंकार नैहरिया पार्षद थे, लेकिन यह वार्ड महिला के लिए आरक्षित हो गया। ऐसे में कांग्रेस ने रजनी देवी और भाजपा ने मोनिका पठानिया को टिकट थमाई है। इस वार्ड में भी पांच महिलाएं किस्मत आजमा रही हैं। हालांकि मुख्य जंग कांग्रेस और भाजपा के बीच ही है, पर निर्दलीय रूप से खड़ी महिलाएं मुकाबला रोचक बना रही हैं। वार्ड तीन मैक्लोडगंज में मुकाबला इस बार कड़ा होगा। इस वार्ड से पार्टी की टिकट न मिलने पर पूर्व में कांग्रेस से पार्षद रहीं माया देवी बतौर आजाद खड़ी हो गई हैं। कांग्रेस ने अजीत नैहरिया पर भरोसा जताया है। वहीं, अपना वार्ड बदलकर ओंकार नैहरिया भाजपा की ओर से चुनावी दौड़ में हैं। इस वार्ड में मुकाबला रोचक होने वाला है, क्योंकि भाजपा से दूर हुए तीन अन्य कार्यकर्ता भी किस्मत आजमा रहे हैं। वार्ड से सात प्रत्याशी जीत दर्ज करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
वार्ड नंबर चार कश्मीर हाउस में मुख्य मुकाबला भाजपा व कांग्रेस के बीच ही है। यहां से कांग्रेस ने अपनी पुरानी पार्षद नीनू शर्मा पर विश्वास जताया है, तो भाजपा ने उनके मुकाबले में नीलम सूद पर दांव खेला है। अनुज कश्यप भी आजाद चुनाव मैदान में हैं। वार्ड नंबर से सुजाता अग्रवाल, दो से निशा नैहरिया, तीन से दिनेश कपूर, राजेंद्र कुमार और महेंद्र सिंह भाजपा प्रत्याशियों के खिलाफ उतरे हैं। हालांकि पार्टी ने उन्हें प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है, लेकिन यह भाजपा की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं।