चंबा जिला का जनजातीय क्षेत्र पांगी घाटी का संपर्क अगले 6 महीनों के लिए पूरे विश्व से कट गया है। पिछले दो दिनों से घाटी में लगातार हिमपात हो रहा है और लगभग अढ़ाई फुट बर्फ पड़ चुकी है। ऐसे में यहां के लोगों के लिए कठिनाई वाले दिन भी शुरू हो गए है। बर्फ़बारी के कारण घाटी की अंदरूनी सड़कें भी बंद है और लोगों की आवाजाही पूरी तरह बंद हो चुकी है
घाटी के लोगों के लिए आने-जाने का एकमात्र साधन हेलीकॉप्टर है। लिहाजा, बर्फबारी के सीजन में पांगी घाटी के लिए वाया जम्मू से आवाजाही होती रहती है, लेकिन भारी बर्फबारी के कारण यह रास्ता भी बंद हो गया है और यहां से आन-जाना किसी चुनौती से कम नहीं होता। पांगी के लोग बर्फबारी से पहले ही 6 महीनो के लिए राशन और जरुरी सामान का भंडारण कर लेते है। यहां तक की पशुओं के लिए घास व चारे का भण्डारण भी 6 महीनों के लिए करके रखना पड़ता है।
गौरतलब है कि हिमाचल के अधिकांश उपरी इलाकों में बर्फबारी के चलते उपरी मैदानी इलाकों से संपर्क टूट जाता है। हेलीकॉप्टर ही इन जगहों के लिए एकमात्र सुविधा है जिसकी जरिये यहां के लोग आ जा सकते हैं। इन क्षेत्रों में लाहौल, रोहतांग, पांगी जैसी कई जगहें आती है। अगले 5 से 6 महीने तक रोड बंद रहने से यहां के लोगों को काफी परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है। हालांकि, सरकार द्वारा इन्हें हेलीकॉप्टर सुविधाओं में विशेष छूट दी जाती है।