Follow Us:

मंडी नगर निगम चुनाव: भाजपा – कांग्रेस ने अंतिम समय तक लगा दी सिर धड़ की बाजी

बीरबल शर्मा |

नगर निगम चुनावों के प्रचार के अंतिम दिन शाम पांच बजे तक दोनों प्रमुख दलों भाजपा कांग्रेस ने नवगठित मंडी नगर निगम पर कब्जा करने के लिए सिर धड़ की बाजी लगा दी। आखिरी दिन विधानसभा चुनावों से भी ज्यादा प्रचार का माहौल देखने को मिला। हर वार्ड में रैलियां, शक्ति प्रदर्शन, वाहन रैलियां और दूसरे माध्यमों से चरम सीमा तक प्रचार हुआ। ऐसा पहली बार देखा गया कि स्थानीय निकायों के लिए राजनीतिक दलों ने इस तरह से सब कुछ प्रचार में झौंका हो। परिणाम कोई भी हो मगर किसी भी दल ने कोई कसर नहीं छोड़ी। यहां तक कि पहली बार आम आदमी पार्टी भी घर घर तक अपनी पहचान बनाने में कामयाब रही भले ही उसके खाते में कुछ भी आए।

माकपा ने भी दो वार्डों मंगवाई और पड्डल में लाल रंग की छाप छोड़ने में कोई कसर नहीं रखी। यहां तक कि माकपा के एक मात्र विधायक राकेश सिंघा भी प्रचार के लिए अंतिम दिन मंडी में रहे। भाजपा की कमान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने स्वयं संभाली जिन्होंने पिछले एक महीने में मंडी के पांच से अधिक दौरे करके हर वार्ड में दो से तीन रैलियां की। उनके मंत्री भी लगातार यहां पर सक्रिय रहे। 

कांग्रेस के भी प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप राठौर से लेकर विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री तक ने प्रचार में हाजिरी भरी। अब यदि मंडी नगर निगम की ताजा तस्वीर को देखा जाए तो ऐसा लगा कि भाजपा किसी भी सूरत में अपना जीत का आंकड़ा 12 से उपर करने मुख्यमंत्री के हाथ में सत्ता की चाबी देना चाहती है। मगर कांग्रेस किसी भी सूरत में उसे 10 से नीचे रोकने में लगी है।

हालांकि कुछ वार्ड ऐसे भी हैं जहां इन दलों के धुंआधार और खर्चीले प्रचार के बावजूद आजाद उम्मीदवारों का दखल अंतिम समय तक बना रहा। कुछ भी हो मंडी नगर निगम के परिणाम मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के लिए प्रतिष्ठा ही नहीं बल्कि अग्नि परीक्षा की तरह हैं। जीत या फिर बड़ी जीत का संदेश भी दूर तलक जाएगा जबकि कांग्रेस इस चुनाव को विधानसभा चुनाव के स्टार्टअप की नजर से देख कर मंडी जिले में शून्य से बाहर आना चाहती है। 

माना जा रहा है कि भले ही प्रदेश में चार नगर निगमों के चुनाव हो रहे हों मगर मंडी के नतीजे पर सबकी नजरें टिकी हैं क्योंकि इसका संदेश बहुत गहरा व बड़ा होगा। अब इंतजार बुधवार शाम 5 बजे के बाद का ही है।