बहुचर्चित कोटखाई गुड़िया मर्डर केस में सुनवाई शुक्रवार को डबल बेंच कोर्ट मुख्य न्यायाधीश लिंगप्पा नारायण स्वामी और न्यायाधीश अनूप चिटकारा की खंडपीठ के समक्ष मामले पर सुनवाई हुई। मामले में दोबारा से जांच होगी या नहीं इसके लिए अगली सुनवाई 3 मई को निर्धारित की गई है। गुड़िया के परिजन ने सीबीआई जांच से असंतुष्ट हैं और मामले में फिर से जांच करने की मांग को लेकर सर्वोच्च न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाया था। लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने मामले को हिमाचल हाइकोर्ट में रखने की बात कही थी।
गुड़िया के परिजनों के वकील आशीष जमालटा ने बताया कि आज हिमाचल हाइकोर्ट में सुनवाई हुई है। अगली सुनवाई 3 मई को रखी गई है। उन्हें उम्मीद है कि कोर्ट मामले की फ़िर से जांच की आदेश जारी करेगा। गुड़िया चार जुलाई 2017 को स्कूल से घर लौटने के बाद से लापता हो गई थी और छह जुलाई की सुबह उसका शव बरामद हुआ था। प्रदेश में हंगामे के बाद पुलिस ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया उसमें से एक सूरज को लॉकअप में मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद सीबीआई ने सूरज की हत्या के आरोप में प्रदेश पुलिस के आईजी जहूर जैदी समेत आठ पुलिस कर्मियों को गिरफ्तार किया था।
गुड़िया के पिता तब से न्याय के लिए दर दर भटक रहे हैं। सीबीआई ने गुड़िया रेप-मर्डर मामले में 13 अप्रैल 2018 को एक नीलू नामक एक चिरानी को गिरफ्तार किया था। सीबीआई दावा किया था कि चिरानी का काम करने वाले नीलू ने गुड़िया से दरिंदगी की थी। आरोपी नीलू के खिलाफ सीबीआई ने जुलाई 2018 में कोर्ट में चालान पेश किया। परिजन सीबीआई की इस जांच से संतुष्ट नहीं है। गुड़िया के पिता का कहना है को पहले सीबीआई कहती रही कि गुड़िया रेप मर्डर मामले में कई लोग शामिल है लेकिन अंत मे एक चरानी को गिरफ्तार कर अपना पल्ला झाड़ लिया। जबकि उनकी बेटी को जिस तरह से मारा गया वह किसी एक व्यक्ति का काम नहीं है।