मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने स्थानीय स्वास्थ्य और प्रशासनिक अधिकारियों को कोरोना के पांच से अधिक मामले वाले क्षेत्रों को मिनी कंटेनमेंट जोन घोषित करने के निर्देश दिए। कोरोना परीक्षण की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए और लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। उन्होंने स्थानीय निकायों और स्वयंसेवी संस्थाओं से लोगों को कोरोना के बढ़ रहे मामलों के बारे में जागरूक करने में प्रदेश सरकार की सहायता करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री आज कांगड़ा और चंबा जिलों में कोविड-19 महामारी में हुई बढ़ौतरी पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों जिलों में सक्रिय मामलों की संख्या बढ़ रही है और होम आईसोलेशन के तहत व्यक्तियों की नियमित रूप से निगरानी की जानी चाहिए। उनका मनोबल बढ़ाने के लिए उनका उचित मार्गदर्शन किया जाना चाहिए और स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा उन्हें थर्मामीटर, ऑक्सीमीटर और दवाइयां उपलब्ध करवाई जानी चाहिए। नए रोगियों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए, टांडा मेडिकल काॅलेज में बिस्तरों की क्षमता बढ़ाई जानी चाहिए। कोरोना की दूसरी लहर में मृत्यु दर अत्यधिक चिंताजनक है जिसमें युवाओं की भी मृत्यु हो रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नवरात्रों को ध्यान में रखते हुए, मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थलों पर जाने वाले सभी भक्तों को भीड़-भाड़ से बचना चाहिए और अधिकारियों द्वारा भीड़ को नियंत्रित करने के लिए उचित कदम उठाए जाने चाहिए। राज्य सरकार ने मंदिरों को खोलने की अनुमति दी है और साथ ही लंगर, भंडारों और कीर्तन के आयोजन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। राज्य मंत्रिमंडल के निर्णय के तहत कोरोना की उच्च संख्या वाले सात राज्यों के लोगों के राज्य में प्रवेश के लिए किसी भी आईसीएमआर केंद्र द्वारा मान्य नेगेटिव आरटीपीसीआर रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी, जो 72 घंटों से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए।
जयराम ठाकुर ने कहा कि पंचायती राज संस्थानों के नवनिर्वाचित सदस्यों को इस खतरनाक वायरस से निपटने में स्थानीय लोगों की सहायता के लिए सक्रिय रूप से और लगातार काम करना चाहिए। उन्हें समय-समय पर सरकार द्वारा जारी किए गए मानक संचालन प्रक्रियाओं का सख्ती से पालन करने के लिए लोगों को जागरूक करना चाहिए। जनप्रतिनिधियों द्वारा लोगों को प्रोत्साहित करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लोग उचित तरीके से फेस मास्क पहनें और सामाजिक दूरी का पालन करते हुए सैनिटाइजेशन का प्रयोग करें और अत्यधिक आवश्यक होने पर ही सार्वजनिक स्थानों पर जाएं।