सपने सच होते हैं। नालागढ़ की कवि और कहानीकार डा. प्रियंका वैद्य ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) में शिक्षा ग्रहण की और तभी उनके माता-पिता ने सपना देखा कि वह वहीं अध्यापन करे। वैद्य इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी यूजीसी-आईयूसी में सह-अध्येता भी है। लेफ्टिनेंट डॉ. प्रियंका वैद्य द्वारा लिखित कहानी संग्रह ‘लॉकडाउन डायरी’ चर्चा में रहा है। वैद्य “योग के माध्यम से आध्यात्मिक उत्थान स्वामी विवेकानंद” विषय पर भी शोध कर रही है। उनका एक और कहानी संग्रह प्रकाशाधीन है।
हिमाचल प्रदेश की साहित्यकार डॉ प्रियंका वैद्य पिछले ग्यारह वर्षों से हिमाचल प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग में अंग्रेजी विषय की सहायक आचार्य के पद पर कार्यरत है, वर्तमान मे वे हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में सह-आचार्य के पद पर नियुक्त हुई हैं। उनकी आठ पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है जिनमें तीन काव्य संग्रह, तीन शोध पुस्तकें और दो कहानी संग्रह है। वह 100 से अधिक शोध पत्रों पर काम कर चुकी है। उन्हें अनेकों बार साहित्य में योगदान के लिए सम्मानित भी किया गया है। उन्हें वुमन अचीवर अवार्ड, हिमालय युवा सृजन सम्मान, वुमन आइकन अवार्ड, अटल बिहारी वाजपेयी सम्मान, काव्य प्रतिभा सम्मान और साहित्य श्री सम्मान मिला है।
डॉ वैद्य कवि सम्मेलनों, राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय सम्मेलनों में उत्साहपूर्वक हिस्सा लेती है। डॉ वैद्य ने लंदन में यूनिवर्सिटी ऑफ केंट, कैंटरबरी में कालचक्र और कर्मयोग के सम्बन्ध में शोध पत्र प्रस्तुत किया। वैद्य की प्राथमिकता है कि भगवद्गीता, योग, वेद, उपनिषद और भारतीय संस्कृति का उज्जवल पक्ष अंग्रेजी साहित्य के माध्यम से विश्व पटल पर प्रस्तुत करने का प्रयास किया जाए। वैद्य ने कैमडन टाऊन, लंदन में प्रवासी भारतीयों के संदर्भ में शोध पत्र प्रस्तुत किया।