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राज्य के स्वास्थ्य संस्थानों में बढ़ाई जाएगी ऑक्सीजन और बेड क्षमता: स्वास्थ्य मंत्री

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स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने कहा कि कोविड-19 से निपटने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह से सजग और सतर्क है किसी को भी घबराने की आवश्यकता नहीं है। कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के बाद राज्य के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में आक्सीजन सहित बेड क्षमता को भी बढ़ाया जा रहा है। कांगड़ा जिला में ही बुधवार से 150 अतिरिक्त बेड कोविड रोगियों के उपचार के लिए उपलब्ध करवा दी गई है और भविष्य में चरणबद्व तरीके से बेड्स की संख्या में बढ़ोतरी की जाएगी ताकि कोविड संक्रमितों को उपचार की बेहतर सुविधा मिल सके।

धर्मशाला के परिधि गृह में जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ कोविड-19 से निपटने की तैयारियों को लेकर आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए स्वास्थ्य मंत्री डा राजीव सैजल ने कहा कि डा राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज टांडा में आक्सीजन सहित बेड की संख्या 127 से बढ़ाकर 152 कर दी गई है इसके साथ ही आयुर्वेदिक कालेज पपरोला में कोविड के लिए 50 बेड से बढ़ाकर 100 कर दी गई है इसके साथ ही नुरपुर अस्पताल में कोविड के लिए 50 बेड के साथ रोगियों को उपचार की सुविधा दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि कांगड़ा तथा चंबा के सीमांत क्षेत्रों के कोविड रोगियों के लिए पठानकोट में एक अस्पताल को चिह्न्ति किया गया है। इसमें भी शीघ्र ही कोविड रोगियों के लिए उपचार व्यवस्था आरंभ करने पर निर्णय लिया जाएगा। राधा स्वामी सत्संग परौर में भी मेकशिफ्ट अस्पताल बनाने के लिए तैयारियां अंतिम चरण में है। प्रारंभिक तौर पर 250 बेड क्षमता के साथ कोविड रोगियों का उपचार किया जाएगा।


 
डा राजीव सैजल ने कहा कि कोविड के संक्रमण से आम जनमानस को बचाने के लिए कोविड टीकाकरण अभियान पूरे प्रदेश में चलाया जा रहा है तथा प्रत्येक नागरिक से कोविड टीकाकरण की दो डोज लेने के लिए आग्रह भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोविड के हर पहलु को ध्यान में रखते राज्य के लोगों की सुरक्षा के लिए उपाय कर रही है।  उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को भी निर्देश दिए गए हैं कि कोविड रोगियों की उचित देखभाल सुनिश्चित की जाए। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोविड जैसे लक्षण होने पर लोगों को तुरंत टेस्ट करवाने के लिए प्रेरित किया जाए ताकि प्रारंभिक स्तर पर संक्रमण को फैलने से रोका जा सके इसके साथ ही कोविड से बचाव के प्रोटोकॉल की अनुपालना भी पूरी तरह से सुनिश्चित करने के लिए नियमित तौर पर लोगों को जागरूक करने के आवश्यक कदम उठाने के भी दिशा निर्देश दिए गए।