हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के महासचिव महेश्वर चौहान ने सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार शराब कारोबारियों की तरह मेहरबानी कोरोना से पीड़ित और बढ़ती महंगाई से त्रस्त हिमाचल की आम जनता पर करे। आज प्रदेश बुरे दौर से गुज़र रहा है। प्रदेशवासियों को सरकार की संवेदनहीनता के कारण कोरोना और कमरतोड़ महंगाई का दोहरा दंश झेलना पड़ रहा है। आज प्रदेश में शराब की बोतल नहीं बल्कि सरसों के तेल की बोतल को सस्ता करने की आवश्यकता है। रोज़मर्रा के इस्तेमाल की चीजें आम जनता की पहुंच से बाहर हो रही हैं।
महेश्वर चौहान ने कहा की ये दुर्भाग्यपूर्ण है की ऐसी विकट परिस्थिति में भी प्रदेश सरकार की प्राथमिकता आन जनमानस को राहत देने के बजाए शराबकारोबारियों को लाभ पहुंचाने की है। आज प्रदेश में आवश्यकता शराब का कोटा बढ़ाने की नहीं है अपितु आन जनता के लिए सस्ते राशन का कोटा बढ़ाने की है। उन्हें रियायती दरों पर राशन मुहैया करवाने की है। अन्यथा कांग्रेस के शासन में आरम्भ हुई “सस्ते-राशन” की ये प्रभावी योजना अप्रासंगिक हो जाएगी।
सरकार तुरंत प्रदेश में बेक़ाबू हो रही महंगाई को नियंत्रित करने के लिए कारगर कदम उठाए। जब से प्रदेश में कोरोना ने दस्तक दी है सबसे ज़्यादा नुक़सान पर्यटन उद्योग को हुआ है ! जिसकी वजह से हालात इतने बिगड़ चुके है कि इससे जुड़े होटल व्यवसायी ,टैक्सी चालक और छोटे दुकानदार बैंकों की EMI देने में असमर्थ है। इस वर्ग को जीवित रखने के लिए प्रदेश सरकार की उदार सहायता की नितांत आवश्यकता है।
महासचिव ने कहा कि जिस तरह से और जिस गति से हिमाचल में 18-44 आयु वर्ग के युवाओं के टीकाकरण का कार्यक्रम चल रहा है वो इस वक़्त सबसे बड़ी चिंता का विषय है। प्रदेश का युवा टीके की कमी और “स्लाट बुकिंग” की मारामारी से हताश है। अभी तक प्रदेश में बहुत कम युवाओं का टीकाकरण हो पाया है और बहुत बड़ा युवा वर्ग अभी भी इस मुहिम से महरूम है। उन्होंने मांग की है कि सरकार प्रदेश में कोरोना वैकसीन की कमी को तुरंत पूरा करे और “स्लाट-बुकिंग “ में पारदर्शिता बरते।