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योग से श्वास प्रक्रिया सुदृढ़ बनाएं, ये महामारी हमारा कुछ नहीं बिगाड़ पाएगी: धूमल

बीरबल शर्मा |

योग युक्त जीवन जीने का सर्वोत्तम रास्ता है, लेकिन योग नियमित रूप से किया जाए  यह अति महत्वपूर्ण है। ऋषि-मुनियों द्वारा योग का महत्व जाना गया और लोग योग की शिक्षा ग्रहण कर सकें इसलिए इसे ग्रंथों में उतारा गया। आज सारे विश्व ने योग के महत्व को मानना शुरू कर दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने वीरवार को आर्ट ऑफ लिविंग संस्था द्वारा आयोजित ऑनलाइन योग शिविर में कोरोना पीड़ित मरीजों का उत्साहवर्धन करते हुए यह बात कही।

उन्होंने निश्चय प्रकट करते हुए कहा कि आज सारे विश्व ने योग को स्वीकार कर लिया है जो हमारे ऋषि-मुनियों की परम्परा है। तो हम सबका भी दायित्व भी बनता है कि हम सब इस परंपरा को आगे बढ़ाएं। आज जिस महामारी पूरा विश्व ग्रसित है, वह मुख्यता मनुष्य की श्वास प्रक्रिया पर हमला कर उसको प्रभावित करती है। यदि हम अपनी श्वास प्रक्रिया को सुदृढ़ बना लेंगे, मजबूत बना लेंगे, तो यह महामारी हमारा कुछ भी बिगाड़ नहीं पाएगी। नियमित रूप से योग करके ऐसा किया जा सकता है। योग करके लोग आज दुरुस्त भी हो रहे हैं, ठीक भी हो रहे हैं।

धूमल ने कहा कि " करोगे योग तो रहोगे निरोग " ऐसा कहा गया है, लेकिन अक्सर देखने में आता है जब हम बीमार होते हैं तब तो योग करना चाहते हैं और योग करके ठीक भी हो जाते हैं। लेकिन जब हम बीमार नहीं होते तब हम लोग योग को भूल जाते हैं या फिर नियमितता नहीं रहती और यहीं से  समस्या का प्रारंभ होता है। उन्होंने आह्वान किया कि आओ हम सब मिलकर योग को अपनाएं, प्रतिदिन योग करें। अगर समय कम है, तो थोड़ा करें, लेकिन दिन में दो-तीन बार योग करें और योग कर के रोग को दूर भगाएं।